चालीस: बाइबल में 40 का महत्व | लेंट में उपवास, प्रार्थना और दान का संदेश | Bishop Ignatius D'Souza
लेंट (चालीसा) का समय आत्मिक तैयारी, मन-परिवर्तन और ईश्वर के और निकट जाने का अवसर है। इस विशेष अवसर पर बरेली के धर्माध्यक्ष Bishop Ignatius D'Souza ने ऐश बुधवार (Ash Wednesday) के पवित्र मिस्सा में बाइबल में 40 (चालीस) के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया कि बाइबल में 40 वर्ष, 40 दिन और 40 की संख्या को किस प्रकार महत्वपूर्ण घटनाओं से जोड़ा गया है, जैसे:
इस्राएलियों का 40 वर्ष का जंगल में यात्रा (निर्गमन 16:35)
यीशु मसीह का 40 दिन का उपवास और प्रार्थना (मत्ती 4:2)
नबी एलियाह के 40 दिन और रात का सफर (1 राजा 19:8)
महाप्रलय के दौरान 40 दिन और रात वर्षा (उत्पत्ति 7:12)
उन्होंने बताया कि लेंट एक आत्मिक यात्रा है, जिसमें हम उपवास (Fasting), प्रार्थना (Prayer) और दान (Almsgiving) द्वारा अपने जीवन को सुधार सकते हैं और प्रभु के पास लौट सकते हैं।
इस वीडियो में Bishop Ignatius D'Souza ने लेंट के महत्व और इसके आत्मिक संदेश को गहराई से समझाया है। यह वीडियो हर ईसाई के लिए प्रेरणादायक है जो लेंट के समय को सही रूप से जीना चाहते हैं।
▶️ वीडियो देखें, सीखें और अपने जीवन में आत्मिक सुधार लाएं।
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