🧔🏻♂आचार्य प्रशांत गीता पढ़ा रहे हैं। घर बैठे लाइव सत्रों से जुड़ें, अभी फॉर्म भरें — https://acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita?cmId=m00021
📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00021
📲 आचार्य प्रशांत की मोबाइल ऐप डाउनलोड करें:
Android: https://play.google.com/store/apps/details?id=org.acharyaprashant.apbooks
iOS: https://apps.apple.com/in/app/acharya-prashant/id1603611866
📝 चुनिंदा बोध लेख पढ़ें, खास आपके लिए: https://acharyaprashant.org/en/articles?l=1&cmId=m00021
➖➖➖➖➖➖
#AcharyaPrashant #आचार्यप्रशांत #Philosophy #BhagavadGita
वीडियो जानकारी: 29.11.24, गीता समागम, गोवा
(गीता-49) उसे सौंप दो, उसे संभालने दो, तुम रास्ते से हटो || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
1:01 - श्रद्धा का अर्थ
3:22 - क्या कर्म और कामना में कोई संबंध है?
6:13 - कामना और उसकी जड़ें
9:23 - कामना की पूर्ति और शांति का सच
12:32 - क्या कामनाओं से पूर्णता मिलती है?
15:11 - संसारी और ज्ञानी का कामना से रिश्ता
18:15 - कामना और अहंकार का संबंध
23:31 - कर्ता भाव और कर्तव्यशीलता
28:01 - कर्तव्य के पीछे की कामना
32:19 - जीवन में बहाव को अपनाना
36:01 - प्रकृति और अहंकार का संघर्ष
40:23 - क्या हम जीवन को नियंत्रित कर सकते हैं?
46:12 - ख़ुद से पूछिए, क्या ये कर्म ज़रूरी है?
49:57 - मुक्ति और सहजता का रिश्ता
53:57 - अहंकार से मुक्त जीवन
59:39 - सहजता और महानता
1:10:26 - अनुभव और समापन
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने कर्म, कामना और अहंकार के बीच के संबंध को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि लोग अपनी कामनाओं को पूरा करने के लिए कर्म करते हैं, लेकिन यह धारणा गलत है कि कामना पूरी होने से चैन मिलेगा। असल में, चैन की कामना ही मूल है। ज्ञानी व्यक्ति कामना के पीछे की सच्चाई को समझता है और अहंकार को छोड़कर सहजता से जीता है। आचार्य जी ने यह भी कहा कि सच्चा कर्म तब होता है जब हम अहंकार से मुक्त होकर प्रकृति के प्रवाह में बहते हैं। अंत में, उन्होंने बताया कि जीवन में सहजता और मौन की स्थिति को अपनाना ही सच्चा ज्ञान है।
🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:
https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~