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आलवन्दार स्तोत्रम् ।। ALAWANDAR STORRAM ।। स्तोत्र रत्नम् ।। STOTRA RATNAM ।। श्रीवैष्णव स्तोत्रम्।।

Laxman Ramanujdas 3,706 2 years ago
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#आलवन्दारस्तोत्रम् ।। ALAWANDAR STORRAM ।। स्तोत्र रत्नम् ।। STOTRA RATNAM ।। #श्रीवैष्णवस्तोत्रम्।। ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ आलवन्दार स्तोत्रम् 👉 https://youtu.be/-n56auAuUHY रामानुज स्तोत्रम् 👉 https://youtu.be/8sjgajav9tU अष्टश्लोकी 👉 https://youtu.be/3r0AEG7e2-o पञ्चधाटी 👉 https://youtu.be/UkjIAZoOGTk मुकुन्दमालास्तोत्रम् 👉 https://youtu.be/74vBi9hUNtk श्रीस्तवः 👉 https://youtu.be/ye2a8w5ECD4 नारायणाष्टकम् 👉 https://youtu.be/rW-9d0LFCNo वरदवल्लभास्तोत्रम् 👉 https://youtu.be/Vyxq2Ph70mQ रामानुजसुप्रभातम् 👉 https://youtu.be/SIVG83Gv05k वरवरमुनि प्रपत्तिः 👉 https://youtu.be/BYw5UHegpLQ ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ श्रीयामुनमुनिविरचितम् 00:00 आलवन्दारस्तोत्रम् स्वादयन्निह सर्वेषां त्रय्यन्तार्थं सुदुर्ग्रहम् । 00:14 नमो नमो यामुनाय यामुनाय नमो नमः । नमो यामुनपादाब्जरेणुभिः पावितात्मने । 00:34 नमोऽचिन्त्याद्भुताक्लिष्टज्ञानवैराग्यराशये ।।१ ॥ 00:44 तस्मै नमो मधुजिदङ्घ्रिसरोजतत्त्व... ॥२॥ 01:02 भूयो नमोऽपरिमिताच्युत भक्तितत्त्व-......।।३ || 01:21 तत्त्वेन यश्चिदचिदीश्वरतत्स्वभाव-...... ।।४ ॥ 01:37 माता पिता युवतयस्तनया विभूतिः, .... ।।५॥ 01:56 यन्मूर्ध्नि मे श्रुतिशिरस्सु च भाति ..... ।।६॥ 02:23 तत्त्वेन यस्य महिमार्णवशीकराणुः ...... ।। ७ ॥ 02:31 यद्वा श्रमावधि यथामति वाप्यशक्तः ..... ।।८॥ 02:50 किञ्चैष शक्त्यतिशयेन नु तेऽनुकम्प्यः .....।।९ ॥ 03:07 नावेक्षसे यदि ततो भुवनान्यमूनि .... ॥१०॥ 03:25 स्वाभाविकानवधिकातिशयेशितृत्वं .....॥ ११ ॥ 03:43 कः श्रीः श्रियः परमसत्त्वसमाश्रयः कः.... ॥१२॥ 04:00 वेदापहार-गुरुपातक- दैत्यपीडा-...... ।। १3 ।। 04:17 कस्योदरे हरविरिञ्चिमुखः प्रपञ्चः...... ।।१४।। 04:35 त्वां शीलरूपचरितै: परमप्रकृष्ट-...... ॥ १५।। 04:53 उल्लङ्घितत्रिविधसीमसमातिशायि ....... ॥ १६ ॥ 05:10 यदण्डमण्डान्तरगोचरं च यद् ....... || १७ || 05:24 वशी वदान्यो गुणवानृजुः शुचि - ...... ।। १८ ।। 05:39 उपर्युपर्यब्जभुवोऽपि पूरुषान् ..... ।।१९।। 05:55 त्वदाश्रितानां जगदुद्भवस्थिति-.... ॥ २० ॥ 06:11 नमो नमो वाङ्मनसातिभूमये ..... ॥ २१ ॥ 06:26: न धर्मनिष्ठोऽस्मि न चात्मवेदी,..... ॥ २२ ॥ 06:40 न निन्दितं कर्म तदस्ति लोके ..... || २३ || 06:54 निमज्जतोऽनन्तभवार्णवान्तश्चि...... ||२४|| 07:10 अभूतपूर्वं मम भावि किं वा ...... ।।२५।। 07:24 निरासकस्यापि न तावदुत्सहे, ......॥ २६ ॥ 07:38 तवामृतस्यन्दिनि पादपङ्कजे .... ।। २७ ।। 07:53 त्वदङ्घ्रिमुद्दिश्य कदापि केनचिद् ...... ।। २८ ।। 08:09 उदीर्णसंसारदवाशुशुक्षणिं ...... ।। २९ ।। 08:24 विलासविक्रान्तपरावरालयं ..... ।। ३० ।। 08:38 कदा पुनः शङ्खारथाङ्गकल्पक-...... ।। ३१ ।। 08:54 विराजमानोज्ज्वलपीतवाससं ....... ॥३२॥ 09:09 चकासतं ज्याकिणकर्कशैः ....... ।। ३३ ।। 09:26 उदग्र-पीनांस - विलम्बिकुण्डला- ....... ॥३४॥ 09:41 प्रबुग्धमुग्धाम्बुजचारुलोचनं ....... ।।३५।। 09:55 स्फुरत्किरीटाङ्गद-हारकण्ठिका -....... ||३६|| 10:11 चकर्थ यस्या भवनं भुजान्तरं ...... ॥ ३७ ॥ 10:26 स्ववैश्वरूप्येण सदानुभूतया ....... ।। ३८ ।। 10:41 तया सहासीनमनन्तभोगिनि ........ ।। ३९ ।। 10:56 निवास-शय्यासन-पादुकांशुको-...... ॥ ४० ॥ 11:12 दासः सखा वाहनमासनं ध्वजो ...... ।।४१ ।। 11:28 त्वदीयभुक्तोज्झितशेषभोजिना ......॥ ४२ ॥ 11:43 हताखिलक्लेशमलैः स्वभावतः ........ ।।४३।। 11:59 अपूर्व-नाना - रसभाव-निर्भर - ..... ॥४४॥ 12:14 अचिन्त्यदिव्याद्भुतनित्ययौवन-........।।४५।। 12:29 भवन्तमेवानुचरन्निरन्तरं ........ ।।४६ ।। 12:45 धिगशुचिमविनीतं निर्दयं मामलज्जं ......।। ४७ ।। 13:05 अपराधसहस्रभाजनं ..... ।।४८ ।। 13:17 अविवेकघनान्धदिङ्मुखे ......। । ४९ ।। 13:31 न मृषा परमार्थमेव मे ......॥ ५०।। 13:45 तदहं त्वदृते न नाथवान् ...... ।। ५१ ।। 13:59 वपुरादिषु योऽपि कोऽपि वा ..... ।। ५२॥ 14:14 मम नाथ! यदस्ति योऽस्म्यहं ...... !।। ५३ ।। 14:29 अवबोधितवानिमां यथा ...... ।। ५४ ।। 14:43 तव दास्यसुखैकसङ्गिनां ....... ।।५५ ।। 14:58 सकृत्त्वदाकारविलोकनाशया ....... ।। ५६ ।। 15:14 न देहं न प्राणान्न च सुखमशेषाभिलषितं .....॥५७ ॥ 15:37 दुरन्तस्यानादेरपरिहरणीयस्य महतो ......।। ५८ ।। 16:01 अनिच्छन्नप्येवं यदि पुनरितीच्छन्निव रज- ......।। ६० ।। 16:23 पिता त्वं माता त्वं दयिततनयस्त्वं प्रियसुहृत् .... || ६१ ॥ 16:44 जनित्वाहं वंशे महति जगति ख्यातयशसां ...... ॥ ६२ ॥ 17:07 अमर्यादः क्षुद्रश्चलमतिरसूयाप्रसवभूः......।। ६३ ।। 17:31 रघुवर यदभूस्त्वं तादृशो वायसस्य, ....... ||६४ || 17:51 ननु प्रपन्नः सकृदेव नाथ, ...... ॥ ६४ ॥ 18:05 अकृत्रिमत्त्वच्चरणारविन्द - ....... ॥ ६६ ॥ 18:18 यत्पदाम्भोरुहध्यानविध्वस्ताशेषकल्मषः..... ॥ ६७ ॥ ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ Subscribe my Youtube channel 👇👇👇 https://youtube.com/c/Laxmanramanujdas Follow and invite on Facebook 👇👇👇 https://www.facebook.com/laxmanramanujdas/ Follow on Instagram 👇👇👇 https://www.instagram.com/laxmanramanujdas/ Follow on Twitter 👇👇👇 https://twitter.com/laxmanramanujda?t=1d3nr8ciZFeI0z1V1IN-fg&s=09 ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖ Audio by #Laxmanramanujdas Edited by Lrd Upahar ➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖

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