Date- 9 March, 2019: ब्लड प्रेशर यानि रक्तचाप की बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। ये एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे अपने साथ कई घातक बीमारी ले कर आता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में हर साल हाई ब्लड प्रेशर के चलते 70 लाख मौतें होती हैं।
हाई ब्लड-प्रेशर से आंखों की रोशनी कम होने लगती है उससे धुंधला दिखाई देने लगता है। हाई ब्लड-प्रेशर के कारण किडनी की रक्त वाहिकाएं संकरी या मोटी हो सकती है। इससे किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती और खून में दूषित पदार्थ जमा होने लगते हैं। हाई ब्लड प्रेशर में सबसे ज्यादा खतरा हृदय को होता है। जब ह्वदय को संकरी या सख्त हो चुकी रक्त वाहिकाओं के कारण पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता तो सीने में दर्द हो सकता है और अगर खून का बहाव रुक जाए तो हार्ट-अटैक भी हो सकता है। हाई ब्लड-प्रेशर में रोगी की याददाश्त पर असर हो सकता है, जिसे डिमेंशिया कहा जाता है।
वहीं लो ब्लड प्रेशर से दिल की गंभीर बीमारी होती है, दिल की बीमारी से हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे हार्ट पर्याप्त खून को पम्प नहीं कर पाता और हमारा बीपी लो रहने लगता है। दिल के मरीजों और एनीमिया के शिकार लो बीपी से खुद को बचाना चाहिए।
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Anchor- Abhilasha Pathak
Guest-
Dr. Roja Varanasi,Scientist ,Central Council for Research in Homoeopathy
Dr.Santosh Kumar Bhatted, HOD, Department of Panchakarma, All India Institute of Ayurveda
Dr. Rakesh Yadav, Professor of Cardiology, AIIMS, New Delhi
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