माइग्रेन... आजकल ये बीमारी कई लोगों की परेशान कर रही है। ये सिरदर्द से जुड़ी बीमारी है। आमतौर पर ये दर्द आधे सिर में होता है और आता-जाता रहता है। लेकिन कई बार पूरे सिर में दर्द होता है।ये दर्द 2 घंटे से लेकर 72 घंटे तक बना रहा सकता है। कई बार दर्द शुरू होने से पहले मरीज को चेतावनी भरे संकेत भी मिलते हैं, जिससे उसे पता चल जाता है कि सिरदर्द होने वाला है। इन संकेतों को ‘ऑरा’ कहते हैं। माइग्रेन को 'थ्रॉबिंग पेन इन हेडक' भी कहा जाता है। इसमें ऐसा अहसास होता है जैसे सिर पर हथौड़े पड़ रहे हों।माइग्रेन का वैज्ञानिक कारण मरीज के सिर की ब्लड वेसल्स यानी खून की नलियों का फैल जाना और उसके बाद उसमें कुछ खास तरह के केमिकल्स का स्राव होना है। ये केमिकल्स नर्व फाइबर्स यानी तंत्रिका रेशों द्वारा पड़ने वाले दबाव की वजह से निकलते हैं। दरअसल, जब सिरदर्द के दौरान कोई आर्टरी या ब्लड वेसल फैल जाती है तो वह नर्व फाइबर्स पर दबाव डालती है। इस दबाव की वजह से केमिकल रिलीज होते हैं, जिससे ब्लड वेसल्स में सूजन, दर्द और फैलाव होने लगता है। इस स्थिति में मरीज को बहुत तेज सिरदर्द होता है।
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Anchor: Preeti Singh / प्रीति सिंह
GUEST:
डॉ अचल श्रीवास्तव, प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ़ न्यूरोलॉजी, एम्स
डॉ पंकज कुंडल, असिस्टेंट प्रोफेसर, शाल्यक विभाग, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान
डॉ नीरज गुप्ता, प्रोफेसर, ऑर्गन ऑफ मेडिसिन विभाग, क्रोनिक रोग और मनोविज्ञान