Date- 2 March, 2019: मोटापा वो स्थिति होती है, जब अत्यधिक शारीरिक वसा शरीर पर इस सीमा तक एकत्रित हो जाती है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगती है। यह आयु संभावना को भी घटा सकता है। शरीर भार सूचकांक (बी.एम.आई), मानव भार और लंबाई का अनुपात होता है, जब 25 कि.ग्रा./मी.2 और 30 कि.ग्रा/मी2 के बीच हो, तब मोटापा-पूर्व स्थिति और मोटापा जब ये 30 कि.ग्रा/मी. से अधिक हो।
मोटापा बहुत से रोगों से जुड़ा हुआ है, जैसे हृदय रोग, मधुमेह, निद्रा कालीन श्वास समस्या, कई प्रकार के कैंसर और अस्थिसंध्यार्ति मोटापे का प्रमुख कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, आनुवांशिकी का मिश्रण हो सकता है। हालांकि मात्र आनुवांशिक, चिकित्सकीय या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में पाये जाते हैं।
मोटापे के कारण - मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन, अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन, कम व्यायाम करना, स्थिर जीवन-यापन, असंतुलित व्यवहार, मानसिक तनाव आदि...।
मोटापे के लक्षण- सांस फूलना, पसीना में वृद्धि, खर्राटे , प्रतिदिन बहुत थकान महसूस करना, पीठ और जोड़ों में दर्द, आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में कमी का अनुभव, अकेला महसूस करना आदि...
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Anchor- Preeti Singh
Guest-
Dr. Harleen Kaur , Research Officer ,Central council for Research in Homoeopathy
Dr. Raj Kumar Yadav, Professor, AIIMS
Dr. Shikha Sharma, Nutritionist