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राजस्थान की बैराठ सभ्यता | Bairath Civilization Documentary || महाभारतकालीन राजधानी विराटनगर #बैराठ

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राजस्थान की बैराठ सभ्यता | Bairath Civilization Documentary || महाभारतकालीन राजधानी विराटनगर #बैराठ #shubhyatrawithdpsharma #dpsharma335512 #BairathCivilization #बैराठसभ्यताजयपुर #बौद्धकालीन_बैराठ_सभ्यता_का_इतिहास #बैराठ_जयपुर_राजस्थान ---------------------------------------- यह है #विराट_नगर में #बीजक_पहाड़ी पर स्थित #बैराठ #बौध्दकालीन सभ्यता के अवशेषों की एक झलक । यहाँ #बौद्ध_भिक्षुओं को चारों ओर बने आसनों पर बिठाकर उन्हें शिक्षा दीक्षा दी जाती थीं। राजस्थान की बैराठ सभ्यता(जयपुर),विराटनगर।बाणगंगा नदी के किनारे ,बीजक की पहाड़ी,बैराठ की पहाड़ी बैराठ सभ्यता राजस्थान के जयपुर जिले में बीजक की पहाड़ी, बैराठ की पहाड़ी, महादेव की डूँगरी, गणेश डूँगरी, भीम डूँगरी आदि पहाड़ियों से घिरी हुई है। उस समय यह विराटनगर के नाम से जानी जाती थी जो प्राचीन जनपद में मत्स्य जनपद की राजधानी रही थी।इसकी जानकारी "महाभारत" से जुड़ी है। 1936-37 में दयाराम साहनी को इसकी खोज का श्रेय दिया जाता है। बैराठ में खनन के आधार पर यह बौद्ध धर्म का प्राचीन केन्द्र रहा। चीनी यात्री हेनस्याँग ने बैराठ की यात्रा की। हूण शासक महिरकुल ने इस सभ्यता का नाश किया। इस जगह की सबसे बड़ी #विशेषता यह है कि अगर इन आसनों के मध्य केन्द्र भाग में स्थित होकर जिस किसी भी ध्वनि का उच्चारण किया जाता है तो वह #प्रतिध्वनि (Eco sound) के रूप में ध्वनि उच्चारण कर्ता को ही सुनाई देती है। जबकि यह स्थान खुले आसमान के नीचे प्राकृतिक रमणीय वातावरण में स्थित है। इससे ठीक 5 km. दूर दक्षिण दिशा में #बाणगंगा_नदी का उदगम स्थल भी है।जो #राजस्थान की एक प्रमुख नदी हैं। बैराठ राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 85 किलोमीटर दूर स्थित है। कहा जाता विराट नगर या विराटपुर, यह स्थान मौर्यकालीन तथा उसके पीछे के काल के अवशेष का प्रतीक है, किंतु खुदाई से प्राप्त सामग्री से यह अनुमान लगाया जाता है कि यह क्षेत्र सिंधु घाटी सभ्यता के प्रागैतिहासिक काल का समकालीन है। विराटनगर में पौराणिक शक्तिपीठ, गुहा चित्रों के अवशेष, बोद्ध के भग्नावशेष, अशोक का शिलालेख और मुगलकालीन भवन सब एक साथ पाए जाते है। बैराठ के समीप पहाडियों पर भव्‍य बौद्ध मठ के भी अवशेष मिले हैं। कुछ विद्वानों के मत में चीनी यात्री युवानच्वांग ने जिस 'पारयात्र' नामक नगर का उल्लेख अपने यात्रावृत्त में किया है, वह बैराठ ही था। अशोक कालीन स्मारक : राजस्थान में मौर्य कालीन सभ्यता के सबसे पुराने अवशेष बैराठ से प्राप्त हुए हैं। इस कारण इसे बैराठ सभ्यता भी कहा जाता है। यह जयपुर से 75 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में, लाल रंग की अरावली पहाड़ियों के बीच एक गोलाकार घाटी के मध्य में स्थित है। ये पहाड़ियाँ ताम्र धातु की उपस्थिति के लिये प्रसिद्ध हैं। महाभारत कथा लिखते हुए इस स्थान का जिक्र भी उसमें कर दिया गया है कि पाण्डु पुत्रों ने अपने वनवास का कि अंतिम वर्ष अज्ञातवास के रूप में यहीं व्यतीत किया था।

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