MENU

Fun & Interesting

Bhagwat Rahasya : Raas Panchadhyayi-Part 9/9 | भागवत रहस्य : रास पंचाध्यायी-भाग 9/9

Radha Govind Mandir, Chandigarh 123,938 lượt xem 5 years ago
Video Not Working? Fix It Now

अनन्त सौन्दर्य माधुर्य सुधासिन्धु बलबंधु श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं के रहस्य को कौन समझ सकता है? अप्राकृत प्रेम राज्य के परमोन्नत स्तर पर हुई रसमयी लीलायें प्राकृत बुद्धि से सर्वथा अज्ञेय हैं। जिस प्रकार भगवान् चिन्मय हैं उसी प्रकार उनकी लीला भी चिन्मय होती है। विशेषरूपेण अपनी ही अन्तरंगा अभिन्न स्वरूपा गोपियों के साथ मधुर लीला तो दिव्यातिदिव्य और सर्वगुह्यतम है।

लगभग 5000 वर्ष पूर्व प्रणत चित्तचोर, रसिक सिरमौर ब्रजेन्द्रनन्दन एवं उनकी ही ह्लादिनी शक्ति, नित्य निकुंजेश्वरी, रासेश्वरी श्री राधा रानी ने अधिकारी, जीवों को सर्वोच्च कक्षा का रस वितरित किया था, जिसे महारास कहते हैं। महालक्ष्मी जो भगवान् की अनादिकालीन पत्‍​नी हैं उनको भी यह रस नहीं मिला। यह रस सर्वथा अनिर्वचनीय है।

प्रस्तुत प्रवचन शृंखला में इस अनिर्वचनीय विषय पर प्रकाश डाला गया है। वस्तुत: यही समझना कठिन है कि रास क्या है, फिर उसमें किस प्रकार प्रवेश मिल सकता है इत्यादि और भी गूढ़ विषय है। आचार्य श्री ने इसे अत्यधिक सरल भाषा में समझाया है। सभी साधकों के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय है और भक्ति साधना में परम सहायक है।

यह प्रवचन शृंखला पुस्तक के रूप में भी उपलब्ध है : https://www.jkpliterature.org.in/raas-panchadhyayi

Comment