मास्टर महाशय, Shri M (1854 -1932)
महेंद्रनाथ गुप्त, जिन्हें "एम" के नाम से भी जाना जाता है, श्री रामकृष्ण के एक समर्पित शिष्य थे और
प्रसिद्ध पुस्तक श्री रामकृष्ण वचनामृत (The Gospel of Sri Ramakrishna) के लेखक थे।
परमहंस योगानंद,(Autobiography of a Yogi)
महेंद्रनाथ गुप्त से बहुत प्रभावित थे, जिन्हें वे "मास्टर महाशय" कहते थे।
योगानंद की योगी की आत्मकथा का एक अध्याय "द ब्लिसफुल डिवोटी एंड हिज कॉस्मिक रोमांस" को समर्पित था।
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