“नज़र अक्सर शिकायत आजकल करती है दर्पण से, थकन भी चुटकियाँ लेने लगी है तन से और मन से, कहाँ तक हम संभाले उम्र का हर रोज़ गिरता घर, तुम अपनी याद का मलबा हटाओ दिल के आँगन से..!” #kumarvishwas #kavisammelan #rahatindori #javedakhtar