Ramayana - Episode 46 - Hanuman in Ravana's court | Lanka burning by Hanuman.
मेघनाद हनुमान को बन्दी बनाकर राज्य के प्रमुख मार्गों से होते हुए रावण के दरबार तक ले जाता है। लंकावासी युवराज इन्द्रजीत की जय जयकार करते हैं और हनुमान का उपहास उड़ाते हैं। राक्षसियाँ यह समाचार सीता को देती हैं। सीता हताश दिखती हैं। रावण की राजसभा में हनुमान को बेड़ियों में जकड़ कर पेश किया जाता है। राजसभा में बन्दी बनाकर मूर्तिमान रखे गये नवग्रह व देवी देवता अप्रकट रूप में रुद्रावतार हनुमान को प्रणाम करते हैं। हनुमान के आने से उन्हें मुक्ति की आशा बँधती है। रावण को मेघनाद से यह जानकर आश्चर्य होता है कि हनुमान को पकड़ने के लिये उसे ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना पड़ा था। हनुमान अशोक वाटिका विध्वंस की दिलचस्प वजह बताते हैं। रावण अपनी वीरता का बखान कर हनुमान को डराने का प्रयास करता है। तब हनुमान रावण की खिल्ली उड़ाते हुए सहस्रबाहु से युद्ध में रावण की हार की याद दिलाते हैं और यह भी कहते हैं कि रावण तुम्हें तो महाराज बालि छह माह तक अपनी काँख में दबाए घूमते रहे थे। गुस्साया रावण हनुमान की जिह्वा काट देने का आदेश देता है। तब मंत्री प्रहस्त टोकते हुए कहता है कि सम्भव है हनुमान को किसी षड्यन्त्र के तहत देवी देवताओं अथवा विष्णु ने भेजा हो इसलिये इसकी जीभ काट लेने से पहले इससे समस्त जानकारी ले लेनी चाहिये। रावण सेनापति से हनुमान को यातना देकर सच्चाई उगलवाने के लिये कहता है। हनुमान परिस्थिति का आनन्द लेते हुए कहते हैं कि इतनी सी बात वे स्वयं बता देंगे। हनुमान अपना परिचय पवनदेव के औरस पुत्र के रूप में देते हैं और रावण से कहते हैं इस समय वे राम के दूत हैं। वह सीता माता का पता लगाने आये हैं और आपसे मिलने के लिये स्वयं को बाँधा जाना स्वीकार किया है, वरना उन्हें कोई अस्त्र बाँध नहीं सकता है। हनुमान भरी राजसभा में रावण का भरपूर तिरस्कार करते हैं। बीच बीच में रावण को समझाते भी जाते हैं कि वह विनाश का मार्ग छोड़कर प्रभु राम की शरण में चले जाए और सीता को ससम्मान लौटा दें अन्यथा उसका विनाश निश्चित है। हनुमान की बातों से रावण और अधिक भड़कता है और हनुमान का सिर काटने का आदेश देता है। तब विभीषण कहते हैं कि राजनीति के अनुसार दूत का वध नहीं किया जा सकता। मंत्रीगण भी हनुमान को मृत्युदण्ड की बजाय उनका अंगभंग करने की संस्तुति करते हैं। तब रावण हनुमान की पूँछ में आग लगाने का आदेश देता है। सैनिक हनुमान की पूछ में तेल से भीगा कपड़ा लपेटते हैं। हनुमान अपनी पूँछ काफी बड़ी कर लेते हैं। हनुमान की दशा पर सीता अग्निदेव से हनुमान के लिये शीतल होने की प्रार्थना करती हैं। सैनिक जैसे ही पूँछ में आग लगाते हैं, हनुमान इसे छोटी कर लेते हैं और बन्धन तोड़कर हवा में उड़ जाते हैं। वे जलती पूछ से लंका के महल और प्राचीरों में आग लगाते हैं। पूरी लंका धू धू कर जलने लगती है। रावण अपने महल से यह नजारा देखकर बेबस है। मन्दोदरी रावण से कहती है कि जब एक दूत ने लंका का यह हाल किया है तो उसका स्वामी कितना अधिक शक्तिवान होगा। रावण अपने दम्भ में सीता को वापस करने से इनकार कर देता है। हनुमान सागर जल से अपनी जलती पूँछ बुझाते हैं।
निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'. The series had a viewership of 82 per cent, a record high for any Indian television series. The series was re-aired during the 2020 Coronavirus lockdown and broke several viewership records globally which includes setting the record for one of the most watched TV shows ever in the world, with 77 million viewers on 16 April 2020.
In association with Divo - our YouTube Partner
#Ramayan #RamanandSagar #ShriRam #MataSita #Hanuman #Lakshman #RamayanaEpisodes #Bhakti #Hindu #tvseries #RamBhajan #RamayanaStories #RamayanTVSeries #RamCharitManas #DevotionalSeries