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रामायण - EP 52 - राम का समुद्र पर कोप। समुद्रदेव का त्राहिमाम्। सेतुबन्ध प्रारम्भ।

Ramayan 7,220,579 4 months ago
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Ramayana - Episode 52 - Ram's wrath on the sea. The trahimam of samudradev. The bridge begins. राम की समुद्र उपासना पर रावण उपहास उड़ाता है। अशोक वाटिका में सीता भी राम की भाँति अन्न जल त्याग देती हैं। राम द्वारा समुद्र की विनती करते दो दिन बीत जाते हैं। समुद्र पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। रामसेना में खुसुर फुसुर शुरू हो जाती है। उसमें निराशा भाव पैदा होने लगता है। उधर माता कौशल्या को बुरे सपने आते हैं कि उनका पुत्र अकेला है और समुद्र की लहरों में फँसा हुआ है। भरत उन्हें ढाँढस बधाते हैं। विनय न मानत जलधि जड़, गये तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीति। राम अत्यन्त क्रोध में समुद्र से कहते हैं कि रघुवंशियों ने कभी याचना नहीं की है। आज प्रथम बार राम ने अधिकारपूर्वक कुछ माँगा तो तुम जड़ गये हो। राम समुद्र को सुखाने के लिये धनुष पर ब्रह्मास्त्र का संधान करते हैं। समुद्रदेव तुरन्त त्राहिमाम् त्राहिमाम् करते हुए राम के चरणों में आ गिरते हैं। समुद्रदेव कहते हैं कि प्रभु ने पाँचों तत्व यानि जल, अग्नि, वायु, धरती और आकाश के गुण और मर्यादाएं तय की हैं। इसलिये वह इन मर्यादाओं का पालन करते हुए अपना तट नहीं छोड़ सकता है। यदि पाँच में से एक तत्व ने भी अपनी मर्यादा भंग की तो प्रलय से पहले प्रलय आ जायेगी। राम समुद्रदेव से वह उपाय पूछते हैं जिससे उसकी मर्यादा बनी रहे और वानरसेना समुद्र पार कर जाय। तब समुद्रदेव बताते हैं कि उनकी सेना में नल और नील नामक दो भाई हैं। वे बचपन में काफी शरारती थे। वे ऋषियों मुनियों की पूजा वस्तुऐं नदी में फेंक आते थे। तब एक सिद्ध ऋषि ने उन्हें श्राप दिया कि वो अपने हाथ जो वस्तु पानी में फेंकेंगे, वह वस्तु कभी डूबेगी नहीं। समुद्रदेव कहते हैं कि यह श्राप अब आपके लिये वरदान साबित होगा। नल भगवान विश्वकर्मा का औरस पुत्र होने के नाते शिल्पकला भी जानता है। यदि दोनों भाई अपने हाथ से समुद्र में पत्थर डालें तो लंका तक सेतु बन जायेगा। राम इससे प्रसन्न होते हैं किन्तु वे समुद्र से कहते हैं कि धनुष पर वे अमोघ बाण का संधान कर चुके हैं। इसे किसी न किसी लक्ष्य पर छोड़ना आवश्यक है। तब समुद्र ने उन्हें उत्तर दिशा में द्रुमकुल्य नाम के देश में रहने वाले जल-दस्युओं पर छोड़ने को कहा जो उसके जल को दूषित करते रहते हैं। इस पर राम ने बाण चला दिया। तत्पश्चात राम नल और नील के निर्देशन में सेतुबन्ध प्रारम्भ करने का आदेश देते हैं। लंका में गुप्तचरों की इस सूचना पर रावण विचलित होता है तो अशोक वाटिका में सीता के मन में आशा की किरण जागती है। त्रिजटा सत्य की जीत होने की बात सीता से कहती है। राम सेतुबन्ध के दौरान अपने अराध्य भगवान शिव की आराधना के लिये शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करते हैं। राम के ईश्वर की स्थापना के कारण सागर तट का यह स्थान रामेश्वरम् कहलाया। निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर पटकथा और संवाद - रामानंद सागर संगीत - रविंद्र जैन शीर्षक गीत - जयदेव अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा संपादक - सुभाष सहगल कैमरामैन - अजीत नाइक प्रकाश - राम मडिक्कर साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'. The series had a viewership of 82 per cent, a record high for any Indian television series. The series was re-aired during the 2020 Coronavirus lockdown and broke several viewership records globally which includes setting the record for one of the most watched TV shows ever in the world, with 77 million viewers on 16 April 2020. In association with Divo - our YouTube Partner #Ramayan #RamanandSagar #ShriRam #MataSita #Hanuman #Lakshman #RamayanaEpisodes #Bhakti #Hindu #tvseries #RamBhajan #RamayanaStories #RamayanTVSeries #RamCharitManas #DevotionalSeries

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