False 498a में गहने | स्त्रीधन लौटाने का प्रावधान क्या हैं ? | पुलिस गहने क्यूँ मांगती हैं ?
मेरी यह कोशिश जारी रहेगी उस वयवस्था के विरुद्ध जो एक तरफ़ा होकर केवल उन महिलाओं की सुनता है जो अत्याचारी अनाचारी हैं पर कभी भी सजा नहीं पाती .
भगत सिंह ने असेम्बली में बम क्यों फोड़ा?.....अंधी-बहरी-गूंगी ब्रिटिश सरकार को जगाने के लिए......माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैंसले में दिनांक 13-8-2010 को यह टिप्पणी दी कि धारा 498-A में दर्ज केसों ज्यादातर वकीलों द्वारा तथत्यों को तोड़ मरोड़ कर और बड़ा-चढ़ा कर पेस किया जाता है और साथ ही यह भी वयवस्था दी कि इस धारा को तुरंत बदला जाए यानि कि (amendment) किया जाए. परन्तु आज तक भी सरकार ने कुछ नहीं किया.....जब ये लोग किसी की सुनते ही नहीं हैं तो फिर क्या करें? आखिर रास्ता क्या है? जरा सोचो तो.....
एक दहेज़ के झूठे केस का मतलब होता है औसतन कम से कम 10,0000 /- रूपए की रिश्वत की रकम पुलिस की जेब में चली जाती है, इसलिए इस देश में टीवी पर राजनेतिक पार्टियों के नेता पुरषों के नाम पर नूर कुस्ती करते नज़र आते है और वो भी पुरषों के ही खिलाफ कानून बनते है ये परिवारों को बाटने और तोडनेवाला आत्मघाती कदम है इस काले कानून को निरस्त किया जाना चाहिए इस में देश और देश के लोगो की भलाई है हमें जा तक ये समझ में नही आया की जो लोग सत्ता में बैठे है उनके घर परिवार है या नही उनको ये समझ मे नही आता की इस तरह के कानूनों से किसका भला हुआ है आज तक और महिलायों के अब आराम हो गया शादी करो सुहागरात मनाओ और शादी के दुसरे दिन तलाक का केश करो पति की पैत्रक सम्पति में हिस्सा मागो तथा अपने बाप की सम्पति में पुश्तैनी जायदाद में भी हिस्सा मिले यानि की दोनों हाथो में लाडू अब शादिया सिर्फ पुश्तैनी जायदाद मे हिस्सा लेने के लिए ही होगी और देश की आदालतो मे झूठे मुकदमो मे एक बाढ़ आ जायेगी जैसा की आई पी सी 498 a बना उसके बाद कितने निर्दोष पतियों के परिवार वालो और पतियों को जेल मे डाल दिया गया और कई मानसिक रूप से टूट कर आम्ह्त्या करने को मजबूर हो गए ।
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