अंगारमोती दाई गंगरेल में बसी हैजिनकी छत्रछाया में गंगरेल गांव बसा हैबहुत मान्यताएं हैं वहां की नौकरी चाकरी दुख दर्द खड़ा बाल बच्चे के लिए वहां आते हैं और मन के मनोती पाते हैं अंगार मोती दाई कुंवारी है जो अगनी से प्रकट हुई है