@HimalayanHighways
हिमालयन हाइवेज। HIMALAYAN HIGHWAYS
आधुनिक डिजिटल माध्यमों के दौर में भले ही मेले मनोरंजन का साधन बन रहे हो लेकिन किसी दौर में मेलों को पहाड़ों में जीवन की वो लाइफ लाइन समझा जाता था जो समाजों को जोड़ने, मेलजोल बढ़ाने और अपनी बातों को साझा करने का मंच हुआ करता था।
पहाड़ों के जीवन में मेले का महत्त्व इस तस्वीर से भी आप समझ सकते है। लोकगीतों की धुन पर थिरकती युवा पीढ़ी के पीछे अपने कदमों संग ताल मिलाती बुजुर्ग महिलाएं गीतों से ज्यादा अपनी बातों में व्यस्त दिखती है। इस पीढ़ी के लिए ऐसा ही तो होता था मेला...
जीवन में मोलतोल करने का महत्त्व हमेशा रहा है और बात मेलों की हो तो यहां मोलतोल करते खरीदार अपनी बातों से गुदगुदा भी जाते है और मासूमियत से हंसा भी जाते है।
लोकसंस्कृति ऐसे ही मेलों में रंग बिखेरने का काम करती आई है लेकिन संस्क्रति ओर शौर्य जब एक मंच पर साथ दिखे तो पहाड़ गौरवान्वित हो जाते है। सैनिकों की भूमि में सैनिकों का सम्मान और वीर शहीदों को याद करना यहां परम्परा रही है।
नमस्कार सर्दियों के इस मौसम में गुनगुनी धूप के साथ मीठी जलेबियां और चाइनीज फ़ास्ट फूड के साथ लोकसंगीत का आनंद ये सब आपको मिलेगा पहाड़ों में आयोजित मेलों में। हिमालयन हाइवेज के आज के एपिसोड में हम आपके लिए लेकर आये है नारायणबगड़ विकासखण्ड के सुदूर में आयोजित शौर्य महोत्सव के रंग. विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित दरवान सिंहः नेगी को नमन करने के लिए हर साल इस मेले का आयोजन किया जाता है और अब कुछ सालों से यह राजकीय मेला घोषित हो चुका है। शौर्य महोत्सव के इस आयोजन में हर साल बड़ी संख्या में दूर दूर से स्थानीय लोग पहुंचते है।
बेहद खूबसूरत लोकसंगीत के रंगों से सजे मेलों में उत्तराखंड की लोकसंस्कृति जहां एक ओर पूरे रंग में नजर आती है वहीं आवाजाही की सुविधा होने से अब मेलों में दूर दूर से व्यापारी बीबी पहुंचते है। कफारतीत में हर साल विक्टोरिया क्रॉस स3 सम्मानित वीर सपूत दरवान सिंह नेगी के सम्मान में शौर्य महोत्सव मनाया जाता है । स्थानीय लोगों के प्रयास से शुरू हुआ यह आयोजन आज तीन दिवशीय राजकीय मेले का रूप ले चुका है। स्वर्गीय दरवान सिंह नेगी की वीरता के चलते सबसे पहले यहां बच्चों की पढ़ाई केलिए स्कूल स्थापित किया गया था। मेले में कई गांवों से महिला मंगल दल की टीमें पहुंचती है साथ ही भारतीय सेना के जवान भी मेले का हिस्सा बनते है।
लोकसंगीत के साथ सैन्य जवानों की प्रस्तुति जहां एक वैभवशाली नजारा पेश करती है। वहीं पौराणिक रंगों में सजी महिला मंगल दलों की प्रस्तुति अतीत को याद दिला जाती है।
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हिमालयन हाइवेज के आज के एपिसोड में इतना ही जल्द ही एक नए एपिसोड के साथ दुबारा आपसे मुलाकात होगी। ।