॥ OM PRAKASH SHARMA॥ BHAJAN GAYAK॥ LOK BHAJAN॥ BHAJAN SANGEET॥ BHAJAN MUSIC॥ 9929125179
॥ ओम प्रकाश शर्मा ॥ भजन गायक ॥ लोक भजन॥ भजन संगीत ॥ भजन म्यूज़िक॥
॥ PABUSAR (RATANGARH)॥
॥ पाबूसर, रतनगढ़॥
॥CHURU (RAJASTHAN)॥ LOK BHAJAN GAAYIKI॥
॥चूरू (राजस्थान)॥लोक भजन गायिकी॥
॥ SOMASAR WALE MASTER JI KE BHAJAN॥
॥ सोमासर वाले मास्टर जी के भजन॥
॥ SOMASAR WALE OM JI MASTER KE BHAJAN॥
॥ सोमासर वाले ओम जी मास्टर के भजन ॥
॥ PABUSAR WALE OM JI MASTER KE BHAJAN॥
॥ पाबूसर वाले ओम जी मास्टर के भजन ॥
Lyrics
जगदंबे मैया धरता मैं तेरा ध्यान
जगदंबे मैया धरता मैं तेरा ध्यान
ब्रह्मा विष्णु शिव थाने मानी
जहां देखूं जहां आप भवानी
तीन लोक में तु ना छानी
कहता है वेद पुराण
*जगदंबे मैया धरता मैं तेरा ध्यान*
खड़ग खप्र थारे कर में साजे झालर शंख नगारा बाजे
सिंह चढ़ी पर्वत पर गाजे
दुष्ट गया भयमान
*जगदंबे मैया भरत मैं तेरा ध्यान*
साज चक्र भारत में आई
कौरव दल की फौज खपाई
चौसठ जोगनी संग मैं ल्याई
भरूंजी थारो प्रधान
*जगदंबे मैया धरता में तेरा ध्यान*
*संगीत*
दुर्गे महारानी पहली बार तो मनाई है
सतयुग में पार्वती जी हिमाचल घर जाई है
भस्मासुर ने खावण खातिर शिव शंकर ने ब्याही है
त्रेता युग की लीला तेरी रामायण छपवाई है
दसकंधर का नाश करने सीता जी बनी आई है
द्वापर में तू द्रौपदी देवी तू कहलाई है
कौरवों का खप्पर भरने कुरुक्षेत्र में आई है
करण द्रोण भीष्म गाल्या,पांचा की लुगाई है
कुनणापुर में रुक्मण बेटी भीम की बताई है
जरासंध शिशुपाल मारया दंताधर सा भाई है
कृष्ण की अर्धांगयां बन के मंदिर में पूजाई है
कांगड़े कलकत्ते वाली देवी तू कहलाई है
उज्जैन में चामुंड देवी ब्राह्मणा मनाई है
कश्मीर में सवारी दुर्गा शेर की बताई है
पहाड़ ऊपर मंदिर ऊंचो लाटाली
कहवाई है
रोहतक रेवाड़ी धोक गुड़गांव में ल्याइ है
धोलागढ़ की धाम देवी धमाला में गाई है
रैण न झेल्यो युद्ध करण म बिलाड़ मैं आई है
सबसे मोटी धाम नगरकोट मैं कहलाई है
करौली मैं कैलादेवी जोत भी सवाई है
आबू वाले पहाड़ मै तू अम्बे जी पुजाई है
सोला कोस मोटर लागे गुजरात्या मनाई है
सीकर वाले पहाड़ में तु जीवण मां धोकाई है
हर्षो भैरूं अगवानी तने सुनारा मनाई है
आमेर मैं शिलादेवी जोत भी सवाई है
मानसिंह माधोसिंह राजा जैपर बैठ्या ध्याई है
काबुल क मा खांडो बाज्यो हाजर बठे आई है
जैपर बैठ्या जीत राजा मान की करवाई है
भद्रकाली धाम तेरी नाली मै बताई है
ओसियां म शीतला तू सारा स्यू धोकाई है
फलौदी म ब्राह्मणी तने बाणिया मनाई है
पल्लू के मा धाम मैया दोना की बताई है
नागौर म नागणेची देवी तू कहलाई है
साठीके मै भुजा थारे बीस बतलाई है
देशनोक में करणी माता बीकाजी मनाई है
इक्कीसवीं पीढ़ी में राजा गंगा सिंह ध्याइ है
बिना हथियार शिकार शेर की करवाई है
थारे तो प्रताप विजय बहुत जगा पाई है
गुरु मेरे ने कृपा करी जद कंठ भवानी आई है
हत्थे की मंडली में ब्राह्मण *दल्लूराम* गाई है
टेर-
हाथ जोड़ मैया करूं थाने विनती हृदय बिराजो म्हारे आय
जगदम्बे मैया धरता मैं तेरा ध्यान