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Khadi holi - Meri gaiya chali Vrindavan ko | Panthyudi- Pithoragarh

Uruvi Media 1,079 12 months ago
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कुमाऊं में होली की शुरुआत बसंत के स्वागत के गीतों से होती है, जिसमें प्रथम पूज्य गणेश, राम, कृष्ण व शिव सहित कई देवी देवताओं की स्तुतियां व उन पर आधारित होली गीत गाऐ जाते हैं। बसन्त पंचमी के आते आते होली गायकी में क्षृंगारिकता बढ़ने लगती है खड़ी होली गांव की संस्कृति की प्रतीक है। यह आंवला एकादशी के दिन प्रधान के आंगन में अथवा मंदिर में चीर बंधन के साथ प्रारंभ होती है। यह होली अर्ध-शास्त्रीय परंपरा में गाई जाती है जहां मुख्य होल्यार होली के मुखड़े को गाते हैं और बाकी होल्यार उसके चारों ओर एक बड़े घेरे में उस मुखड़े को दोहराते हैं। ढोल नगाड़े नरसिंग उसमें संगीत देते हैं। घेरे में कदमों को मिलाकर नृत्य भी चलता रहता है कुल मिलाकर यह एक अलग और स्थानीय शैली है।

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