माँ सुरकंडा देवी मंदिर उत्तराखंड राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित एक प्रमुख हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 2,756 मीटर 9,042 फीट की ऊँचाई पर काणाताल गाँव के निकट स्थित है, जो धनौल्टी से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे। कहानी के अनुसार, राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया गया। इस अपमान से आहत होकर, सती ने यज्ञ कुंड में आत्मदाह कर लिया। शोकग्रस्त भगवान शिव ने सती के शरीर को उठाकर तांडव नृत्य किया, जिससे सृष्टि में असंतुलन उत्पन्न हुआ। स्थिति को संभालने के लिए, भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 हिस्सों में विभाजित कर दिया। मान्यता है कि सुरकंडा देवी मंदिर उस स्थान पर स्थित है जहां सती का सिर गिरा था, इसलिए इसे "सुरकंडा" नाम दिया गया।
मंदिर तक पहुँचने के लिए, श्रद्धालुओं को कद्दूखाल से लगभग 2 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी होती है। यह स्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य और चारों ओर फैले हिमालयी दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। विशेष अवसरों पर, जैसे गंगा दशहरा और नवरात्रि, यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, क्योंकि माना जाता है कि देवी के दर्शन से सात जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
मंदिर में प्रसाद के रूप में रौंसली की पत्तियाँ वितरित की जाती हैं, जिन्हें औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इन पत्तियों को घर में रखने से सुख-समृद्धि आती है।
सुरकंडा देवी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों को आकर्षित करता है
सुरकंडा देवी मंदिर कैसे पहुंचे
यहाँ पहुँचने के लिए आपको सड़क मार्ग और पैदल ट्रेकिंग दोनों करनी होती है।
1. हवाई मार्ग से:
निकटतम हवाई अड्डा – जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून), जो मंदिर से लगभग 100 किमी दूर है।
एयरपोर्ट से टैक्सी या बस लेकर मसूरी होते हुए कद्दूखाल तक जा सकते हैं।
2. रेल मार्ग से:
निकटतम रेलवे स्टेशन – देहरादून रेलवे स्टेशन, जो मंदिर से लगभग 80 किमी दूर है।
रेलवे स्टेशन से बस या टैक्सी लेकर मसूरी - धनौल्टी - कद्दूखाल मार्ग से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
3. सड़क मार्ग से:
दिल्ली से दूरी – लगभग 300 किमी
हरिद्वार से दूरी – लगभग 140 किमी
देहरादून से दूरी – लगभग 80 किमी
मसूरी से दूरी – लगभग 35 किमी
धनौल्टी से दूरी – लगभग 8 किमी
आपको पहले कद्दूखाल गाँव तक जाना होगा, जो सुरकंडा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार के रूप में जाना जाता है। कद्दूखाल तक निजी वाहन, टैक्सी या बस से पहुँचा जा सकता है।
4. पैदल यात्रा (ट्रेकिंग):
कद्दूखाल से लगभग 2 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी होती है।
रास्ता पक्का बना हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं को चढ़ाई में सुविधा होती है।
घोड़े और डंडी (पालकी) की भी सुविधा उपलब्ध रहती है।
5. अन्य विकल्प (रोपवे सेवा):
हाल ही में सुरकंडा देवी मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू की गई है, जिससे ट्रेकिंग करने में असमर्थ श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
सबसे अच्छा समय यात्रा करने का:
गर्मियों में (मार्च-जून) – मौसम सुहावना होता है और ट्रेकिंग आसान होती है।
सर्दियों में (नवंबर-फरवरी) – बर्फबारी होती है, जिससे यात्रा रोमांचक बन जाती है।
त्योहारों के समय (गंगा दशहरा, नवरात्रि) – विशेष पूजा-अर्चना होती है और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।
नोट:
ऊँचाई पर ठंड अधिक होती है, इसलिए गर्म कपड़े जरूर रखें।
ट्रेकिंग करने वालों को आरामदायक जूते पहनने चाहिए।
मंदिर में सुबह से शाम तक दर्शन की सुविधा उपलब्ध है।
अगर आप आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता का संगम देखना चाहते हैं, तो सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा अवश्य करें! 🚩
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✅ प्राचीन मंदिरों की अद्भुत जानकारी
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ऋषिकेश के 10 प्रमुख मंदिरों की सूची 🚩
1️⃣ नीलकंठ महादेव मंदिर – भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
2️⃣ त्रयंबकेश्वर मंदिर – यह भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है, जहाँ भक्त बड़ी श्रद्धा से दर्शन करने आते हैं।
3️⃣ भरत मंदिर – यह ऋषि भरत द्वारा स्थापित एक प्राचीन मंदिर है और ऋषिकेश का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है।
4️⃣ कुंजापुरी देवी मंदिर – शक्ति उपासकों के लिए यह मंदिर विशेष महत्व रखता है।
5️⃣ परमार्थ निकेतन मंदिर – यह न केवल एक मंदिर है, बल्कि यहाँ गंगा आरती भी अत्यंत भव्य रूप से की जाती है।
6️⃣ गीता भवन मंदिर – यहाँ भगवान कृष्ण और महाभारत से जुड़ी पौराणिक कथाओं को दर्शाया गया है।
7️⃣ शत्रुघ्न मंदिर – भगवान राम के छोटे भाई शत्रुघ्न को समर्पित यह मंदिर ऐतिहासिक महत्व रखता है।
8️⃣ हनुमान मंदिर – इस मंदिर में बजरंगबली की विशाल प्रतिमा स्थित है।
9️⃣ रुद्रेश्वर महादेव मंदिर – शिव भक्तों के लिए यह मंदिर एक पवित्र स्थान है।
🔟 वैष्णो देवी मंदिर – कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर की प्रतिकृति, जहाँ माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों के दर्शन किए जा सकते हैं।
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