नमस्कार! आज महा शिवरात्री के पावन अवसर पर मैं भगवान भोलेनाथ के चरणों में, महान संगीतज्ञ स्वर्गीय विदुषी वीणा सहस्रबुद्धे जी की गयी हुयी, राग बैरगी भेरव की बंदिश अर्पित कर रही हूँ। इस बंदिश के शब्द और जिस भाव से उन्होंने गाया है, वह अद्भुत है । वही भाव मेरे हृदय में भी आज भगवान शिव जी के लिए उमड़ रहा है इसीलिए यह बंदिश गाने का प्रयास और हिम्मत की है की मेरी सांगीतिक त्रुटियों को क्षमा कर, मेरे भगवान भोलेनाथ मेरी इस संगीतांजलि को स्वीकार करेंगे।
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏
हर हर महादेव 🙏🙏🙏
आपसबसे भी आग्रह है कि मेरे भाव को समझ मेरी त्रुटियों को क्षमा करें ।🙏