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mahakumbh mela ke pantoon bridge (peepa pul) kaise bananye jate hai? कैसे बनता है पांटून पुल

KUMBH 2019 7,746 2 months ago
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प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 की भव्य तैयारी MAHAKUMBH 2025 taiyari || prayagraj mahakumbh mela 2025 prayagraj mahakumbh mela 2025 prayagraj mahakumbh mela 2025 prayagraj mahakumbh mela 2025 ki taiyari प्रयागराज महाकुंभ के अन्य विशेष वीडियो - MAHAKUMBH 2025: https://www.youtube.com/playlist?list=PLW2rHA0Hy-7TAXkmTzSaukgzWTAzqTZvL प्रयागराज की दिव्य पेंटिंग – Mahakumbh mela 2025 दिव्य पेंटिंग वीडियो: https://www.youtube.com/playlist?list=PLW2rHA0Hy-7TJ3keJVAMfCa1TInnXmzjn महाकुंभ में घूमने की सभी जगहों का प्लेलिस्ट – https://youtube.com/playlist?list=PLW2rHA0Hy-7Rylt9enFCoQg9zZGecyhwH&si=T34XbSdDi_0ZXvPK इस महाकुंभ के अवसर पर डिजिटल यात्रा करिए। your quarries :- 1) prayagraj mahakumbh mela 2025 2) mahakumbh mela 2025 video 3) mahakumbh mela 2025 ki taiyari 4) mahakumbh prayagraj mela 5) prayagraj mahakumbh mela 2025 date 6) mahakumbh ki taiyari 7) mahakumbh 2025 kaha par hoga 8) inside story of prayagraj mahakumbh mela #mahakumbh2025 #mahakumbhmela2025 #prayagraj महाकुंभ मेला का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र ये पीपा के पुल होते हैं। ये पीपा के पुल महाकुम्भ के समय गंगा नदी को पार करने के लिए ही बनाया जाता हैं। इस बार महाकुंभ में पूरे 30 पीपा पुल बनाया गया है इसे बनाने में बड़ी मेहनत और काफी समय लगता है। ये पुल अस्थाई होते है 2 महीने के बाद इन पीपा पुलो को फिर से तोड़ दिया जाता है और फिर जब प्रयागराज में अगले वर्ष माघ मेला होगा तो फिर से इन पुलो को बनाया जाएगा तो आइए वीडियो में आपको बताता हु की इन पुलो का निर्माण महाकुंभ में किस प्रकार से किया गया। तो वीडियो में बने रहिए ये वीडियो बहुत रोचक होने वाला है। पीपा पुल इन बड़े बड़े पीपा पीपा को आपस में जोड़कर बनाया जाता हैं इसीलिए महाकुंभ में बने अस्थाई पुलो को पीपा पुल बोला जाता है।पीपा लोहे के बड़े बड़े सिलेंडर के आकार की तरह होते हैं। जो अंदर से खोखला होता है अंदर हवा भरी होती हैं ये लोहे के पीपा पानी में तैरने के लिए तैयार किए जाते हैं। अगर आप इसकी ऊंचाई देखोगे तो ये गंगा नदी के जल स्तर से काफी ऊंचे बने होते है मतलब जब इन्हें गंगा नदी पर रखा जाता है तो ये गंगा के सतह से साथ एक तरह से चिपक जाते है लेकिन अगर गंगा नदी का स्तर बढ़ जाए तो ये पानी के साथ तैरने लगेगे इन्हें इस तरह से डिजाइन किया जाता है। अब पीपा को बड़े क्रेन की मदद से गंगा नदी तक ले जाया जा रहा हैं ऐसे ही एक एक करके लोहे के बड़े बड़े पीपा को धीरे धीरे गंगा नदी पर बारी बारी से रखते जाते है। ताकि इनको नदी में आपस में जोड़ दिया जा सके। आइए साथ मिलकर मैं और आप पीपा पुल जिसे पांटून पुल भी बोला जाता है। आइए मिलकर तैयार करते है पांटून पुल को। ये आप जो वीडियो में लोहे के बड़े बड़े और बेहद वजन के खंभे देख रहे हो वो पीपा पुल का पहला बेस है पीपा पुल को जो सबसे ज्यादा सहयोग करते है उसकी मजबूती के लिए। इन लोहे के रॉड की मदद से एक पीपा को दूसरे पीपा से कनेक्ट किया जाता है जिससे ही पीपा की एक लंबी कतार तैयार होती है। तो ये पहला बेस है। आइए अब दूसरे बेस की बात करते है इसके दूसरे बेस में साखू की लकड़ी के पल्ले रखे जाते है। बड़े ट्रक की सहायता से पल्लो को पुल के मध्य में कुछ इस प्रकार से पहुंचाकर मजदूरों की मदद से इस प्रकार रखा जाता है। ये साखू के पल्ले पांटून पुल के पहले बेस यानी लोहे के रॉड पर रखी जाती है। लकड़ी के पल्लो को रखने के बाद ये कुछ इस तरह से दिखाई देती है। इस पर पैदल चलने लायक हो जाता है। साथ में मोटरसाइकल भी आसानी से चलने लगती है। लेकिन ये पुल अभी पूरी तरह से नहीं बना है आइए इसे फिर साथ मिलकर पूरी तरह से बनाते है। चलिए वीडियो में आगे देखते है कि तीसरे बेस में क्या रखा जाता है। आपके सामने जो दिख रहा ये धान की पुआल है। तीसरे बेस में धान की पुआल बिछाई जाती है। कुछ इस प्रकार से लकड़ी के पल्लो के ऊपर धान की पुआल बिछा दी जाती हैं। जिससे पुल को एक तरह की मजबूती मिलती है। आइए चौथे बेस की बात करते है चौथे बेस में धान की पुआल के बाद इस पर रेत कुछ इस प्रकार से रखी जाती है। रेत के नीचे धान की पुआल इसीलिए रखते है ताकि रेत कही लकड़ी से होकर नदी में न चली जाएं इसलिए रेत के पहले पुआल रखी जाती है। अब देखिए इस पर चौथे बेस रेत को रखा जा रहा है। पांचवां और अंतिम बेस इस अंतिम बेस में लोहे की प्लेट रखा जाता है जिसका नाम चकर प्लेट है। महाकुंभ मेला में जिस प्लेट से रास्ते बनाए जाते है ये वही प्लेट हैं। इसे रखने के बाद इस पर चलने लायक हो जाता है और पुल पूरी तरह से तैयार हों जाता है। पीपा पुल पर अन्य चीजे भी लगानी रहती है जैसे कि पुल के दोनों तरफ सुरक्षा के लिए रॉड लगाकर लोहे के तार लगा दिए जाते है। जैसा कि आप वीडियो में देख रहे हो पुल की बाउंड्री का कार्य हो रहा है। और कुछ इस प्रकार से महाकुंभ के लिए मैने और आपने 10 मिनिट में पांटून पुल तैयार कर दिया। ये पुल अब पूरी तरह से आने के लिए बन चुका है। पांटून पुल तैयार हो चुका है।इस वीडियो को पूरा फिल्माने में मुझे 1 महीने का समय लगा। आशा है आपको मेरी ये वीडियो पसंद आई होगी। बस इस पुल में एक काम और है रात के समय रोशनी के लिए इसमें लाइट बल्ब की व्यवस्था। लेकिन जब आप महाकुंभ मेले में आओगे तो तब तक लाइट बल्ब भी लग चुकी होगी। तो जल्द ही प्रयागराज के महाकुंभ में अवश्य आइए।

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