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Main Ja Rahi Hun Fizza | New Noha Ayyame Fatima 2025 | Anjuman Sipah E Hussaini Bhanauli | JAiPUR

Azadari Chitora 14,694 4 months ago
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Main Ja Rahi Hun Fizza | New Noha Ayyame Fatima 2025 | Anjuman Sipah E Hussaini Bhanauli Sadat Sultanpur | Aza E Fatima #jaipur PUR 2024/1446 4th Majlis | New Noha Shahadat Bibi Fatima Zehra 2024/1446 | Ayyam E Fatima Noha 2025 Jaipur | Main Ja Rahi Hun Fizza ایام فاطمیه مجلس Khamsa Majlis On Ayyam E Fatima Jaipur, Rajsthan | Shahadat Bibi Fatima Zahra (s.a) Reciter: Anjuman Sipah E Hussaini Bhanauli Sadat Sultanpur Organizer: Momneen E Jaipur Location: Shia Waqf Imambargah, Hakeem Momin Ali, #Jaipur, #Rajsthan Related to: shahadat hazrat fatima zahra & ayame fatima (s.a) 2024, ayam e fatima Noha 2025 Date: 4 December 2024 Posted by : @AzadariChittora Contact : +919312305350 करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा रंजो अलम की ज़द से इसको निकालना है अब मेरा घर ये बीबी तुमको संभालना है मां की जगह पे तुमको अब खुद को ढालना है फ़िज़्ज़ा मेरे जिगर के टुकड़ों को पालना है अब मेरे बाद मेरी चक्की को तुम चलाना मैं जा रहीं हूं फिज़्ज़ा करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा करते हैं मेरे बच्चे मुझसे बड़ी मोहब्बत ले जा रही है इनसे अब दूर मुझको किस्मत दिल से नही भुलाना एक पल मेरी वसीयत मेरी तरह से करना दिन रात इनकी खिदमत मेरा कोई भी बच्चा सोने ना पाएं भूखा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा रखना ख्याल फिज़्ज़ा शब्बीर और शब्बर मेरे जिगर के टुकड़े आएं जो घर के अन्दर पूछें जो दोनों भाई तुमसे कहां हैं मादर इसका जवाब देना खाना उन्हें खिलाकर मेरी ख़बर सुनाना देकर उन्हें दिलासा मैं जा रहीं हूं फिज़्ज़ा करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा कुलसूम और ज़ैनब तन्हा ना होने पाएं दोनों बहुत ज़्यादा मुझपर ना रोने पाएं दामन ना आसुओं से अपना भिगोने पाएं रो रो के जान अपनी दोनों ना खोने पाएं रोएं वो जब भी मुझ पर उनको गले लगाना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा जिस दिन से दर गिराया है ज़ालिमों ने मुझपे तुम जानती हो फ़िज़्ज़ा मैं जी रहीं हूं कैसे हर वक़्त मौत आ कर टकरा रही है मुझसे सांसे उखाड़ते हैं अब पसलियों के टुकड़े ये मेरा दर्द मेरे बच्चों से ना बताना मैं जा रहीं हूं फ़िज़्ज़ा करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा जाएगा करबला जब मेरा हुसैन फ़िज़्ज़ा तुम भी सफ़र में मेरे कुनबे के साथ जाना गर्मी का दिन रहेगा होगा अरब का सहरा होता है मेरा बच्चा प्यासा बहुत ज़्यादा मां बनके रास्ते में पानी उसे पिलाना मैं जा रहीं हूं फ़िज़्ज़ा करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा नज़रों में फ़िर रहा है आशूर का वो मंज़र तन्हा हुसैन होगा और ज़ालिमों का लश्कर फ़िज़्ज़ा चलेगा उसके सूखे गले पे खंजर मेरे पिसर की होगी नन्ही सी एक दुख्तर मेरी तरफ से उसके तुम सर पे हाथ रखना मैं जा रहीं हूं फ़िज़्ज़ा करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा हो जाएगी जिस दम मेरे बच्चे की शहादत आ जाएगी ज़ैनब पे मुसीबत पे मुसीबत कोई भी नही आएगा करने को हिमायत होगी मेरे कुनबे पे बहन एक क़यामत उस दम कोई यावर कोई ग़मखार ना होगा इमदाद को अब्बास ए अलमदार ना होगा खेमों को जलाएंगे लईं आग लगा कर परदेस में लूटेंगे सितमगार मेरा घर छीनेगा कोई ज़ैनबो कुलसूम की चादर खींचेगा कोई आबिद ए बीमार का बिस्तर उस वक़्त भी ज़ैनब का बहन साथ निभाना सज्जाद को जलते हुए शोलों से बचाना कुछ देर में वो रात भी आ जाएगी फ़िज़्ज़ा हो जाएगा जंगल में हर एक सिम्त अंधेरा उस वक्त मुसीबत में ना होगा कोई अपना फ़िज़्ज़ा से ये कह कर के बोहोत रोई हैं ज़हरा वो रात कयामत का सितम ढाएगी बीबी खेमों की जली राख नज़र आएगी बीबी कैसे अता लिखूं मैं दिल पर नहीं है काबू टूटा था फातमा का कुछ इस तरह से पहलू तकलीफ़ इस क़दर थी रुकते नहीं थे आंसू थामे हुए थीं फ़िज़्ज़ा बिन्ते नबी का बाज़ू और दर्द से भरा था ये सय्यदा का नोहा मैं जा रहीं हूं फ़िज़्ज़ा करती थीं ये वसीयत रुखसत के वक्त ज़हरा मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा बच्चों का मेरे बीबी अब तुम ख्याल रखना मैं जा रही हूं फिज़्ज़ा HashTags:- #nohaayamefatima #majlis #ayamefatima #bibifatimakikahani #bibifatima #bibifatima_life #noha2024 #ayyamefatimanoha2024

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