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Muharram jhari tajiya Imam E Hussain, Sahadat, Karbala moharram 2021 up Kushinagar narkatiya sahpur

Varisuddin Ansari 51,779 lượt xem 3 years ago
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Hi friends kaise hai aap sab new jhari 2021up Kushinagar narkatiya sahpur ka.....
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मुहर्रम (Muharram) इस्‍लामी महीना है और इससे इस्‍लाम धर्म के नए साल की शुरुआत होती हैI लेकिन 10वें मुहर्रम को हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम मातम मनाते हैंI इस दिन जुलूस निकालकर हुसैन की शहादत को याद किया जाता हैI 10वें मुहर्रम पर रोज़ा रखने की भी परंपरा हैI

क्‍यों मनाया जाता है मुहर्रम?
इस्‍लामी मान्‍यताओं के अनुसार इराक में यजीद नाम का जालिम बादशाह इंसानियत का दुश्मन थाI यजीद खुद को खलीफा मानता था, लेकिन अल्‍लाह पर उसका कोई विश्‍वास नहीं थाI वह चाहता था कि हजरत इमाम हुसैन उसके खेमे में शामिल हो जाएंI लेकिन हुसैन को यह मंजूर नहीं था और उन्‍होंने यजीद के विरुद्ध जंग का ऐलान कर दिया थाI पैगंबर-ए इस्‍लाम हजरत मोहम्‍मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन को कर्बला में परिवार और दोस्तों के साथ शहीद कर दिया गया थाI जिस महीने हुसैन और उनके परिवार को शहीद किया गया था वह मुहर्रम का ही महीना थाI

मुहर्रम का महत्‍व........
मुहर्रम मातम मनाने और धर्म की रक्षा करने वाले हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का दिन हैI मुहर्रम के महीने में मुसलमान शोक मनाते हैं और अपनी हर खुशी का त्‍याग कर देते हैंI मान्‍यताओं के अनुसार बादशाह यजीद ने अपनी सत्ता कायम करने के लिए हुसैन और उनके परिवार वालों पर जुल्‍म किया और 10 मुहर्रम को उन्‍हें बेदर्दी से मौत के घाट उतार दियाI हुसैन का मकसद खुद को मिटाकर भी इस्‍लाम और इंसानियत को जिंदा रखना थाI यह धर्म युद्ध इतिहास के पन्‍नों पर हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो गयाI मुहर्रम कोई त्‍योहार नहीं बल्‍कि यह वह दिन है जो अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक हैI

कर्बला की जंग में हुसैन के बेटे जैनुअल आबेदीन को छोड़कर पूरा परिवार शहीद हो गया थाI जैनुअल आबेदीन इसलिए बच गए थे क्‍योंकि वह बीमार थे और इस वजह से जंग में शरीक नहीं हो पाए थेI उस दिन 10 तारीख थीI मुहर्रम महीने के 10वें दिन को आशुरा कहते हैंI इस घटना के बाद इस्‍लाम धर्म के लोगों ने इस्लामी कैलेंडर का नया साल मनाना छोड़ दियाI बाद में मुहर्रम का महीना गम और दुख के महीने में बदल गयाI


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