उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र गंगोत्री (Gangotri) से महज़ 12 किलोमीटर पहले, भैरों घाटी (Bhairoghati) की खड़ी चट्टानों पर गरतांग गली (Gartang Gali) के रोमांचक चित्र आपने देखे होंगे. इस खूबसूरत घाटी में जाड़ गंगा के एक तरफ खड़ी चटटानों पर बनी गरतांग गली किसी स्काई वॉक सरीखा रोमांच देती है. लेकिन जितना रोमांच इसे देखने और इस पर चलने में आता है, उससे ज़्यादा रोमांच और हैरत इस बात पर होती है कि सदियों पहले आख़िर इसे किसे और कैसे बनवाया होगा? स्थानीय लोगों के साथ ही अब तक सरकार भी ये मानती आई है कि ये पुल करीब चार सौ साल पहले बनाया गया था और जाड़ भोटिया लोग इसका इस्तेमाल तिब्बत व्यापार के लिए करते थे. लेकिन ये सिर्फ़ क़यास ही थे और इस पुल निर्माण का रहस्य अब तक एक गुत्थी ही माना जाता रहा है. हालाँकि ये गुत्थी अब धीरे-धीरे सुलझने लगी है. व्यापक शोध ये स्थापित करने लगे हैं कि इस पुल के निर्माण से जुड़ी प्रचलित बातों से इतर, इसकी सच्चाई कुछ और ही है.
आज के इस एपिसोड में देखिए कि गरतांग गली के इस रहस्यमयी पुल का जब निर्माण किया गया, तो हुआ यूं था…
Harsil Village Tour:
https://youtu.be/XCh3pvkgxVc
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