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National Games में भी भ्रष्टाचार और घोटालों की नई बयार | Extra Cover 59

Baramasa 76,964 lượt xem 1 month ago
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प्रदेश में इन दिनों राष्ट्रीय खेलों का आयोजन चल रहा है तो स्वाभाविक ही बीते हफ़्ते चहुँओर इसी की सबसे ज़्यादा चर्चा रही. सड़कों पर लगे होर्डिंग और पोस्टरों से लेकर अख़बार के पन्नों तक, इन दिनों राष्ट्रीय खेलों की खबरों और विज्ञापनों से पटे हुए हैं. ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी उत्तराखंड के लिए एक बड़ा मौक़ा, एक बड़ा अवसर तो है ही. ठीक से आयोजित हों और सही नीयत से करवाएँ जाएं तो प्रदेश के खिलाड़ियों से लेकर आम नागरिकों तक, कई तरीक़ों से इस अवसर से लाभान्वित हो सकते हैं. लेकिन दुर्भाग्य है कि इन खेलों के आयोजन में भी कई तरह के खेल हो रहे हैं. हालाँकि उसकी खबरें आप तक इसलिए नहीं पहुंच पाती क्योंकि आप तक वही खबरें पहुँचती हैं, जो सरकार चाहती है कि आप तक पहुँचें. जैसे यही खबर सम्भवतः आप तक नहीं पहुंची होगी कि इन खेलों में कुछ खेल ऐसे भी हैं जिन्हें कौन जीतेगा, इसका फ़ैसला खेल शुरू होने से पहले और खेल के मैदान से बाहर ही कर लिया गया था. ये फैसला करने वालों में कुछ ऐसे लोग शामिल थे जिन पर खेलों को पारदर्शी तरीक़े से करवाने की जिम्मेदारी थी लेकिन उन्होंने पारदर्शिता इसमें दिखाई कि मेडल्ज़ का रेट फ़िक्स कर दिया जाए और गोल्ड मेडल के लिए तीन लाख की बोली लगे, सिल्वर के लिए 2 लाख की और ब्रॉंज़ के लिए एक लाख की. कौन थे ये लोग और क्या है ये प्रकरण इस पर वीडियो में आगे विस्तार से बात करेंगे. पहले वापस लौटते हैं उसी मसले पर कि आप तक कौन-सी खबरें पहुंच रही हैं और कौन पूरी तरह ग़ायब कर दी जा रही हैं. असल में इसके लिए सरकार कई तरह के जतन करती है. एक जतन तो ये कि सिर्फ़ प्रायोजित खबरों को ही ज़्यादा से ज़्यादा स्पेस मिले और आपको सिर्फ़ ये बताया जाए कि सरकार ने भौं कुछ फरका दिया है, भ्रष्टाचार का मसाण पूज दिया है और भ्रष्टाचारियों की कुड़ी-पूँगड़ी बांजा धोलते हुए उनकी मवासी घाम लगा दी है. दूसरा जतन सरकार ये करती है कि हर वो खबर गायब कर दी जाए जो सरकार छिपाना चाहती है. इसके लिए विज्ञापनों का लॉलीपॉप लगातार विकराल किया जाता है ताकि अख़बारों की गिच्ची पट्ट बुज्या दी जाए और ऐसी खबरों के लिए कोई जगह ही न बचे. तो आज आपको ऐसी ही एक और खबर विस्तार से बताते हैं जिसमें करोड़ों का घोटाला होने की बात अब सामने आ रही है. ये खबर है प्रदेश की बहु सहकारी समितियों से जुड़ी जिन्हें पैक्स भी कहा जाता है. कुछ साल पहले घोषणा की गई थी कि देश भर की इन समितियों को digitalise किया जाएगा. इसके लिए हजारों करोड़ का बजट बनाया गया और कुछ समय बाद ये भी खबर आई कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां सभी पैक्स digitalise हो चुके हैं. लेकिन असल ये है कि पिछले करीब एक महीने से वो सॉफ़्ट्वेर पूरी तरह से ठप्प पड़ा है जिसे करोड़ों में ख़रीदा गया था और इसके चलते तमाम समितियों का काम ठप्प पड़ा है लेकिन कहीं इसकी कोई चर्चा तक नहीं है. प्रदेश सरकार के मीडिया मैनज्मेंट पर तीन तालियाँ तो बनती हैं.


National Games Uttarakhand | राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड 
Pushkar Singh Dhami | पुष्कर सिंह धामी 
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Delhi Assembly Elections | दिल्ली विधानसभा चुनाव 
Corruption | भ्रष्टाचार 

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