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एक बार की बात है, एक सुंदर और दयालु लड़की थी, जिसका नाम सिंड्रेला था। उसकी माँ का स्वर्गवास हो गया था, और उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। उसकी सौतेली माँ और सौतेली बहनों ने उसके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया। वे उसे महल की राजकुमारी की तरह नहीं, बल्कि एक नौकरानी की तरह काम करवाती थीं।
जादुई मोड़:
एक दिन, राजा के महल में एक भव्य नृत्य समारोह (बॉल) आयोजित किया गया, जिसमें पूरे राज्य की युवतियों को बुलाया गया। सिंड्रेला भी जाना चाहती थी, लेकिन उसकी सौतेली माँ ने उसे रोक दिया। तभी, उसकी परी गॉडमदर आई और अपने जादू से सिंड्रेला के लिए एक सुंदर गाड़ी, एक राजसी पोशाक और कांच के जूते तैयार कर दिए। लेकिन एक शर्त थी—जादू आधी रात के बाद खत्म हो जाएगा।
राजकुमार से मुलाकात:
महल में सिंड्रेला की खूबसूरती और शालीनता देखकर राजकुमार मोहित हो गया। वे दोनों नृत्य करने लगे और एक-दूसरे से बातें करने लगे। लेकिन जैसे ही घड़ी ने बारह बजाए, सिंड्रेला को याद आया कि जादू खत्म होने वाला है। वह तुरंत भागी, और भागते समय उसका एक कांच का जूता सीढ़ियों पर गिर गया।