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Raag Bhimpalas by Pt. Raghunandan Panshikar. Compositions by Dr. Madhuri Dongre.

Naad Madhuri 10,937 3 years ago
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राग भीमपलास में, संगीततज्ञ डॉ माधुरी डोंगरे द्वारा रचित बंदिश और तराना | प्रस्तुति - पंडित रघुनंदन पणशिकर पं रघुनंदन पणशिकर जी एक सुविख्यात गायक, गुरु तथा संगीतकार भी है। ग्यारवे साल से आपके संगीत शिक्षा की शुरुआत हुई। आपके पहले गुरु पं वसंतराव कुलकर्णी जी रहे है। उसके बाद आपको बीस सालोंतक गानसरस्वती किशोरीताई आमोणकर जी से तालीम प्राप्त हुई, जिस दौरान गानतपस्विनी श्रीमती मोगुबाई कुर्डिकर जी से भी सीखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। रघुनंदनजीने रामकृष्ण भजनामृत, ओमकारानंद वन्दनम जैसे कुछ music album के लिए संगीतबद्ध किए है जिनमे मोरे सावरियां जैसे fusion का भी समावेश है। आपको श्रीमती माणिक वर्मा पुरस्कार, संगीत रत्न पुरस्कारप्रभा अत्रे गौरव पुरस्कार, ज़ी गौरव पुरस्कार जैसे बहुतही उच्चतम पुरस्कार प्राप्त है। सम्पूर्ण भारत तथा अमेरिका, यूरोप जैसे देशोंमें भी आपने कलाप्रस्तुती की है। ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ पुणेस्थित डॉ माधुरीताई डोंगरे प्रसिद्ध गुरु, वाग्गेयकार और गायिका है। पद्मभूषण पं विनायकबुवा पटवर्धन जी, डॉ मधुसूदन पटवर्धन जी और डॉ सुधा पटवर्धनजी इनके गुरु रहे है।उन्हे पं. बबनराव हळदणकर जी और पं. विकास कशाळकर जी इन्सेभी मार्गदर्शन मिला हैं| माधुरीताईने संगीताचार्य यह अत्युच्च उपाधि, पूरे भारत मे प्रथम क्रमांक के साथ प्राप्त की है।उन्हे आदर्श गुरू और संगीत शिक्षक जीवन गौरव पुरस्कार, ऐसे ख्यातनाम पुरस्कारोसेभी नवाजा गया है| माधुरी जी ने "आनंदी मल्हार" और "नट माधुरी" इन रागोंकी निर्मिती भी की हैं| ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ आज हम सुनने जा रहे है दो रचनाएँ जो राग भीमपलास में रची गई है। प्रथम रचना झपताल में और तराना द्रुत एकताल में निबद्ध है। आजकी प्रस्तुती के बारे मे एक खास बात ये है कि इनमेसे एक रचना अर्थात झपताल की रचना, माधुरिताई ने गानसरस्वती स्वर्गीय किशोरीताई आमोणकर जी को उनकी प्रथम पुण्यस्मरण दिवस पर उन्हें समर्पित की थी। आज दोनों रचनाओं की प्रस्तुती पं रघुनंदन पणशीकर जी कर रहे है। यह कहना उचित ही होगा कि अपने गुरु के समर्पनपर रचनाकी प्रस्तुती उन्हीं के शिष्यमुख से सुनना एक अद्भुत मिलाप कहलाएगा। ------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------ Vocals - Pt. Raghunandan Panshikar Tabala - Ajit Kimbahune Harmonium - Leeladhar Chakradeo Tanpura Accompaniment - Saurabh Kadgaonkar & Shubham Khandalkar Comparing - Gayatree Gokhale Bandish and Tarana composition - Dr. Madhuri Dongre Studio - Orion Studios Video editing - Rohan Vanage

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