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अटलांटिक पर धावा: समुद्री संसाधनों की बेतहाशा लूट [Raid on the Atlantic] | DW Documentary हिन्दी

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पश्चिम अफ़्रीका के समुद्री इलाक़ों में कभी दुनिया के सबसे समृद्ध मछली भंडार थे. आज ये भंडार तेज़ी से घट गए हैं. सेनेगल के मछुआरे अपनी आजीविका के लिए चिंतित हैं. यूरोपीय, चीनी, रूसी और तुर्कों के जहाज़ों ने इन समुद्री क्षेत्रों में बेतहाशा मछलियों का शिकार किया है. मछलियों की भरमार कभी सेनेगल के लोगों के लिए वरदान थी. लेकिन दशकों से, यहां के मछुआरों को लगातार उनकी आजीविका से वंचित किया जा रहा है. सेनेगल ने 1979 में यूरोपीय संघ के साथ पहला द्विपक्षीय मछली समझौता किया था. इस समझौते से पहले दोनों पक्षों को फायदा होने की उम्मीद थी. लेकिन यह सेनेगली लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया. सबसे पहले यूरोपीय आए, फिर चीनी, रूसी और तुर्क. उन्होंने आधुनिक ट्रॉलर्स का इस्तेमाल करके समुद्री क्षेत्रों में बहुत ज़्यादा मछलियां पकड़ी. इसके अलावा अवैध तरीकों से भी मछलियां पकड़ी जा रही हैं. मछली के भंडार का कम होना मछुआरों और उनके परिवारों को ख़तरे में डालता है. यह सेनेगल के मुख्य खाद्य पदार्थ मछली को भी जोखिम में डालता है. यह डॉक्यूमेंट्री पश्चिमी अफ्रीका के स्थानीय मछुआरों की कहानी है, जो दिखाती है कि उनके मछली भंडारों को बड़े विदेशी ट्रॉलरों ने कैसे नुकसान पहुंचाया है. इस फ़िल्म में मछुआरों के साथ-साथ, कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों से भी बातचीत हुई है ताकि इस समस्या को समझा जा सके. यहां इस समस्या की वजहों, इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों, इसके स्थानीय और वैश्विक स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव, इन सभी मुद्दों पर बात की गई है. #dwdocumentaryहिन्दी #dwहिन्दी #senegal #fishing #africa ---------------------------------------------------------------------------------------- अगर आपको वीडियो पसंद आया और आगे भी ऐसी दिलचस्प वीडियो देखना चाहते हैं तो हमें सब्सक्राइब करना मत भूलिए. विज्ञान, तकनीक, सेहत और पर्यावरण से जुड़े वीडियो देखने के लिए हमारे चैनल DW हिन्दी को फॉलो करे: @dwhindi और डॉयचे वेले की सोशल मीडिया नेटिकेट नीतियों को यहां पढ़ें: https://p.dw.com/p/MF1G

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