कुशल नेतृत्व के धनी, दूरदर्शी, बेहतरीन संगठनकर्ता, देश और देश वासियों के प्रति अटूट प्रेम रखने वाले महान विचारक, बहुआयामी प्रतिभा के धनी। जी हां हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की। जिनको दुनिया गुरूजी के नाम से भी जानती है। गुरू यानी जो सही राह दिखाए। गुरू यानी जो साहस और समझ का सही अंतर सिखाए और गुरू जो आत्मज्ञान और बुद्धीमता से परिपूर्ण हो। माधवराव बचपन से ही कई भाषाओं में अच्छी पकड़ रखते थे। उनका इस देश में सांस्कृतिक, समाजिक, अध्यात्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण योगदान है। बेहद कठिनाई के दौर में उन्होंने समाज सेवा के कई कार्य किए। आरएसएस से जुड़ने के बाद उन्होंने संगठन का बहुत तेज़ी से प्रचार प्रसार किया और जन- जन को राष्ट्र प्रेम की विचारधारा से जोड़ने का काम किया। वे मातृभूमि के प्रति अपार श्रद्धा रखते थे और देश की मिट्टी के कण कण में दिव्यता को महसूस करते थे। वे जीवन भर युवाओं को ज्ञान प्राप्ति के लिए प्रेरित करते रहे और शिक्षा के महत्व को समझाते रहे। उनकी धर्मग्रन्थों और विराट हिन्दू दर्शन पर अपार श्रद्धा दी। इसीलिए उनका योगदान कई मायनों में काफी विराट महसूस होता है।विशेष के इस अंक में हम बात करेंगे माधव सदाशिव गोलवलकर यानि गुरु गोलवलकर के जीवन, उनके विचार और संगठन में उनके योगदान की...
Anchor – Vaibhav Raj Shukla
Producer - Ritu Kumar, Rajeev Kumar, Abhilasha Pathak
Production – Akash Popli
Reporter - Bharat Singh Diwakar
Graphics - Nirdesh, Girish, Mayank
Video Editor - Rama Shankar, Vijender kumar, Ravi Shukla
Social Media - Aparna Parekh