गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए हंसते−हंसते फांसी का फंदा चूमने वाले कई महानायक हुए। उनमें से एक थे अमर शहीद ..अशफाक उल्लाह खां।
अशफाक का ताल्लुक उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर से हैं। वे अपने छह भाई बहनों में सबसे छोटे थे। अशफाक.. शुरुआत में महात्मा गांधी की विचारधारा को काफी पसंद करते थे। बाद में अशफाक का रुझान क्रांतिकारियो की ओर हो गया था। और वे इस तरह प्रभावित हुए कि उनके मन में भी क्रांतिकारी भाव जागने लगे। इसी बीच अशफाक की बिस्मिल से मुलाकात हुई। अशफाक और बिस्मिल के साथ ही शाहजहांपुर के की नौजवान कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होने राम प्रसाद बिस्मिल और अन्य साथियो के साथ 9 अगस्त 1925 को हुए ऐतिहासिक काकोरी कांड को अंजाम देने में अशफाक उल्लाह खां ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। काकोरी कांड घटना के बाद देश में क्रांतिकारियों के प्रति लोगों का नजरिया बदलने लगा था और वे पहले से ज्यादा लोकप्रिय हुए। वही दुसरी तरफ अशफाक उल्लाह खां का बचपन से ही शायरी में दिलचस्पी थी। अशफाक जब राम प्रसाद बिस्मिल से मिले तो उनकी कलम की स्याही भी लाल होने लगी। आज विशेष के इस अंक में हम बात करेंगे अशफाक उल्लाह खां के जीवन की, बात करेगें काकोरी कांड की और जानेंगे अशफाक और बिस्मिल की दोस्ती के बारे में... और बात करेंगे अशफाक की लेखन की
Anchor - Preeti Singh
Producer - Rajeev Kumar, Ritu Kumar
Production - Asmita Mishra, Akash Popli
Graphics - Rupesh, Saurav, Krishan
Video Editor - Bikas Chandra, Mukhtar Ali, Jaspal Singh Joban