संजीव जायसवाल 'संजय' कहानी - आख़िरी सलाम |Sanjeev Jaiswal 'Sanjay' Story | Hindi Literature Stories स्वर - सिम्मी सैनी@kathasahityapro
लेखक - संजीव जायसवाल ' संजय '
जन्म : धौरहरा, जिला-लखीमपुर-खीरी, उत्तर-प्रदेश
शिक्षा : एम.कॉम.
प्रख्यात बाल-साहित्यकार। 13 कहानी-संग्रह, 12 उपन्यास तथा 29 चित्रकथाएँ प्रकाशित। रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान का ‘बाल-साहित्य-भारती’ तथा भारत-सरकार के भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सम्मान से पुरस्कृत।
प्रकाशन :
कहानियाँ देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में 950 से अधिक कहानियाँ/व्यंग्य प्रकाशित।
साहित्यकार संजीव जायसवाल जी आधुनिक पाठकों और लेखकों के लिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं.इनकी रचनाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्होंने किसी एक विधा से न बंध कर प्रौढ,युवा साहित्य के साथ-साथ बाल-साहित्य, व्यंग्य और रोमांच आदि के क्षेत्र में समान रूप से लिखा है और लिख रहे हैं ।
संजीव जायसवाल संजय हिंदी साहित्य के उन लब्धप्रतिष्ठ लेखकों में से है जिनकी रचनाओं ने बाल सुलभ मन से लेकर बौद्धिक लोगो के ह्रदय में अपना स्थान बनाया है। अपनी बाल रचनाओं के लिए विशेष ख्यातिप्राप्त हुए।
सम्प्रति - लखनऊ में निवास।
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