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असली शंख मानवता को वरदान - Secret and Details of Sacred Conch Shell in Hindi

CHAKRADHARI 781,267 6 years ago
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Whatsapp :- https://wa.me/919887917255/ Website :- https://www.chakradhari.com/ Instagram :- https://www.instagram.com/chakradhari_official Facebook :- https://www.facebook.com/CHAKRADHARI18/ || जय चक्रधारी || आज बात करते हैं - नारायण के हाथ में शोभायमान - शंख की | क्या है यह?? कम शब्दों में कहें तो यह मानवता को वरदान है | शंख आपको मन्दिरो में अवश्य ही देखने को मिलेगा - कारण? इसके नाद से - सकारात्मक ऊर्जा का तीव्र संचार, इसके जल के छींटे देने से - चमड़ी सम्बंधित रोगों से मुक्ति, इसमें रख कर दूध पीने से बढ़ापे से निजात (शरीर की ऊर्जा के स्तर में कोई कमी नहीं ), आप बोलो दुनिया सुने, मुँह खोलो तो शब्दों के फूल बरसे - ऐसी ताकत देने की क्षमता, इसके जल को प्रातः पान करने से - पाचन क्रिया का अत्यंत प्रबल हो जाना, घर में बजाया जाए तो वास्तु दोष से मुक्ति, ज्योत्स्ना और संध्या बजाया जाए तो नारायण सहित लक्ष्मी आगमन, जो कोमा में चला जाये उसके समीप जल भर कर रखने से - वह व्यक्ति होश में आ जाये - ऐसा कहना है - हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का - जिन्होंने शोध करने के पश्चात इसका नाम - DIVINE CONCH रख दिया | आप व्यापार में वृद्धि चाहते हैं - गणेश शंख को स्थापित कर प्रयोग कीजिये | हर बनता काम बिगड़ जाता है - आप सुदर्शन शंख प्रयोग कीजिये | जिन माताओ के संतान नहीं होती - मादा शंख स्थापित कर प्रयोग कीजिये | घर में सुख शांति चाहिए - वामावर्ती प्रयोग कीजिये | विद्या अर्जित करनी है - सरस्वती शंख का प्रयोग कीजिये | और यदि संसार के सभी सुख चाहिए - तो नारायण मंदिर में शंख भेंट कीजिये, जिससे उनका अभिषेक होवे | शंख की उपयोगिता आप यही से समझिये - के पेट सम्बंधित कोई भी भयानक से भयानक रोग होने पर - आयुर्वेद में "शंख भस्म" देने का विधान है | साधना सिद्ध करने वाले योगी के लिए - हठ योग - "शंख प्रक्षालन" का विधान है | संसार की गहनतम गुप्त रहस्यों को जाने के लिए - "शंख लिपि" पढ़ने और समझने का विधान है | यादाश्त लौटाने के लिए - "शंखपुष्पी" लेने का विधान है | उपरोक्त सभी उर्जाओ को प्राप्त करने के लिए - केवल शंख के प्रयोग का विधान है | जो मूक बघिर हैं, सोचने समझने की क्षमता कम है, अपनी बात प्रकट नहीं कर पाते, या जिन्हे तुतलापन रोग है - उनके लिए शंख - महा-औषिधि है | शंख के परिवार से ही जुडी हैं कौड़िया - जो की देवियो का रूप हैं - जैसे - लक्ष्मी कौड़ियां, महा काली कौड़ियां, सरस्वती कौड़ियां | इन कौड़ियों का स्तर आप यही से समझ लीजिये - के एक समय ऐसा भी था के - बाजार में सिक्को के स्थान पर कौड़ियों का चलन था - तभी तो कहावत बनी - के हमारे पास "फूटी कौड़ी" भी नहीं है | बौद्ध धर्म भी - शंख का गुणगान करते करते नहीं थकता | यहाँ तक की बुद्ध की नाभि - का चिन्ह - शंख को ही बताया गया है | प्राण शरीर में नाभि के माध्यम से ही प्रवेश करता है - यह है शंख | इतनी वैज्ञानिक धरोहर - भारत के सिवाय कौनसी हो भला | संसार के श्रेष्ठ शंख आज भी "हिन्द महासागर" से ही निकलते हैं | आइये प्रसन्न होएं - के हम ऐसी सभ्यता में जीवित हैं जो विज्ञान की सर्वोच्च पराकष्ठा पर विराजित है | || ॐ का झंडा ऊँचा रहे ||

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