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Shree Guru Chalisa | श्री गुरु चालीसा | Jai Prakash Sharma | Gurudev Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji

MANTRA MUGDHAM 283,587 3 years ago
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Shree Guru Chalisa | श्री गुरु चालीसा (Lyrical Video) Singer : Jai Prakash Sharma By - Sadhgurudev Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji (Swami Nikhileshwaranand Ji Maharaj) गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी (स्वामी निखिलेश्वरानंद जी महाराज) || श्री गुरु चालीसा || (Lyrics) दोहा प्रन्वाऊ प्रथम गुरु चरण, बुद्धि ज्ञान गुन खान l श्रीगणेश शारदसहित, बसों ह्रदय में आन ll अज्ञानी मति मंद मैं, हैं गुरुस्वामी सुजान l दोषोंसेमैं भरा हुआ तुम हो कृपा निधान ll चौपाई जय नारायण जय निखिलेश्वर l विश्व प्रसिद्ध अखिल तंत्रेश्वर ll यंत्र-मंत्र विज्ञानं के ज्ञाता l भारत भू के प्रेम प्रेनता ll जब जब हुई धरम की हानि l सिद्धाश्रम ने पठए ज्ञानी ll सच्चिदानंद गुरु के प्यारे l सिद्धाश्रम से आप पधारे ll उच्चकोटि के ऋषि-मुनि स्वेच्छा l आय करन धरम की रक्षा ll अबकी बार आपकी बारी l त्राहि त्राहि है धरा पुकारी ll मरुन्धर प्रान्त खरंटिया ग्रामा l मुल्तानचंद पिता कर नामा ll शेषशायी सपने में आये l माता को दर्शन दिखलाये ll रुपादेवि मातु अति धार्मिक l जनम भयो शुभ इक्कीस तारीख ll जन्म दिवस तिथि शुभ साधक की l पूजा करते आराधक की ll जन्म वृतन्त सुनाये नवीना l मंत्र नारायण नाम करि दीना ll नाम नारायण भव भय हारी l सिद्ध योगी मानव तन धारी ll ऋषिवर ब्रह्म तत्व से ऊर्जित l आत्म स्वरुप गुरु गोरवान्वित ll एक बार संग सखा भवन में l करि स्नान लगे चिन्तन में ll चिन्तन करत समाधि लागी l सुध-बुध हीन भये अनुरागी ll पूर्ण करि संसार की रीती l शंकर जैसे बने गृहस्थी ll अदभुत संगम प्रभु माया का l अवलोकन है विधि छाया का ll युग-युग से भव बंधन रीती l जहाँ नारायण वहीं माँ भगवती ll सांसारिक मन हुए अति ग्लानी l तब हिमगिरी गमन की ठानी ll अठारह वर्ष हिमालय घूमे l सर्व सिद्धिया गुरु पग चूमें ll त्याग अटल सिद्धाश्रम आसन l करम भूमि आये नारायण ll धरा गगन ब्रह्माण्ड में गूंजी l जय गुरुदेव साधना पूंजी ll सर्व धर्महित शिविर पुरोधा l कर्मक्षेत्र के अतुलित योधा ll ह्रदय विशाल शास्त्र भण्डारा l भारत का भौतिक उजियारा ll एक सौ छप्पन ग्रन्थ रचयिता l सिद्धि साधक विश्व विजेता ll प्रिय लेखक प्रिय गूढ़ प्रवक्ता l भुत-भविष्य के आप विधाता ll आयुर्वेद ज्योतिष के सागर l षोडश कला युक्त परमेश्वर ll रतन पारखी विघन हरंता l सन्यासी अनन्यतम संता ll अदभुत चमत्कार दिखलाया l पारद का शिवलिंग बनाया ll वेद पुराण शास्त्र सब गाते l पारेश्वर दुर्लभ कहलाते ll पूजा कर नित ध्यान लगावे l वो नर सिद्धाश्रम में जावे ll चारो वेद कंठ में धारे l पूजनीय जन-जन के प्यारे ll चिन्तन करत मंत्र जब गायें l विश्वामित्र वशिष्ठ बुलायें ll मंत्र नमो नारायण सांचा l ध्यानत भागत भुत-पिशाचा ll प्रातः काल करहि निखिलायन l मन प्रसन्न नित तेजस्वी तन ll निर्मल मन से जो भी ध्यावे l रिद्धि सिद्धि सुख-सम्पति पावे ll पाठ करही नित जो चालीसा l शांति प्रदान करहि योगिसा ll अष्टोत्तर शत पाठ करत जो l सर्व सिद्धिया पावत जन सो ll श्री गुरु चरण कमल की धारा l सिद्धाश्रम साधक परिवारा ll जय-जय-जय आनंद के स्वामी l बारम्बार नमामी नमामी ll

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