Shree Guru Chalisa | श्री गुरु चालीसा (Lyrical Video)
Singer : Jai Prakash Sharma
By - Sadhgurudev Dr. Narayan Dutt Shrimali Ji (Swami Nikhileshwaranand Ji Maharaj)
गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी (स्वामी निखिलेश्वरानंद जी महाराज)
|| श्री गुरु चालीसा || (Lyrics)
दोहा
प्रन्वाऊ प्रथम गुरु चरण, बुद्धि ज्ञान गुन खान l
श्रीगणेश शारदसहित, बसों ह्रदय में आन ll
अज्ञानी मति मंद मैं, हैं गुरुस्वामी सुजान l
दोषोंसेमैं भरा हुआ तुम हो कृपा निधान ll
चौपाई
जय नारायण जय निखिलेश्वर l
विश्व प्रसिद्ध अखिल तंत्रेश्वर ll
यंत्र-मंत्र विज्ञानं के ज्ञाता l
भारत भू के प्रेम प्रेनता ll
जब जब हुई धरम की हानि l
सिद्धाश्रम ने पठए ज्ञानी ll
सच्चिदानंद गुरु के प्यारे l
सिद्धाश्रम से आप पधारे ll
उच्चकोटि के ऋषि-मुनि स्वेच्छा l
आय करन धरम की रक्षा ll
अबकी बार आपकी बारी l
त्राहि त्राहि है धरा पुकारी ll
मरुन्धर प्रान्त खरंटिया ग्रामा l
मुल्तानचंद पिता कर नामा ll
शेषशायी सपने में आये l
माता को दर्शन दिखलाये ll
रुपादेवि मातु अति धार्मिक l
जनम भयो शुभ इक्कीस तारीख ll
जन्म दिवस तिथि शुभ साधक की l
पूजा करते आराधक की ll
जन्म वृतन्त सुनाये नवीना l
मंत्र नारायण नाम करि दीना ll
नाम नारायण भव भय हारी l
सिद्ध योगी मानव तन धारी ll
ऋषिवर ब्रह्म तत्व से ऊर्जित l
आत्म स्वरुप गुरु गोरवान्वित ll
एक बार संग सखा भवन में l
करि स्नान लगे चिन्तन में ll
चिन्तन करत समाधि लागी l
सुध-बुध हीन भये अनुरागी ll
पूर्ण करि संसार की रीती l
शंकर जैसे बने गृहस्थी ll
अदभुत संगम प्रभु माया का l
अवलोकन है विधि छाया का ll
युग-युग से भव बंधन रीती l
जहाँ नारायण वहीं माँ भगवती ll
सांसारिक मन हुए अति ग्लानी l
तब हिमगिरी गमन की ठानी ll
अठारह वर्ष हिमालय घूमे l
सर्व सिद्धिया गुरु पग चूमें ll
त्याग अटल सिद्धाश्रम आसन l
करम भूमि आये नारायण ll
धरा गगन ब्रह्माण्ड में गूंजी l
जय गुरुदेव साधना पूंजी ll
सर्व धर्महित शिविर पुरोधा l
कर्मक्षेत्र के अतुलित योधा ll
ह्रदय विशाल शास्त्र भण्डारा l
भारत का भौतिक उजियारा ll
एक सौ छप्पन ग्रन्थ रचयिता l
सिद्धि साधक विश्व विजेता ll
प्रिय लेखक प्रिय गूढ़ प्रवक्ता l
भुत-भविष्य के आप विधाता ll
आयुर्वेद ज्योतिष के सागर l
षोडश कला युक्त परमेश्वर ll
रतन पारखी विघन हरंता l
सन्यासी अनन्यतम संता ll
अदभुत चमत्कार दिखलाया l
पारद का शिवलिंग बनाया ll
वेद पुराण शास्त्र सब गाते l
पारेश्वर दुर्लभ कहलाते ll
पूजा कर नित ध्यान लगावे l
वो नर सिद्धाश्रम में जावे ll
चारो वेद कंठ में धारे l
पूजनीय जन-जन के प्यारे ll
चिन्तन करत मंत्र जब गायें l
विश्वामित्र वशिष्ठ बुलायें ll
मंत्र नमो नारायण सांचा l
ध्यानत भागत भुत-पिशाचा ll
प्रातः काल करहि निखिलायन l
मन प्रसन्न नित तेजस्वी तन ll
निर्मल मन से जो भी ध्यावे l
रिद्धि सिद्धि सुख-सम्पति पावे ll
पाठ करही नित जो चालीसा l
शांति प्रदान करहि योगिसा ll
अष्टोत्तर शत पाठ करत जो l
सर्व सिद्धिया पावत जन सो ll
श्री गुरु चरण कमल की धारा l
सिद्धाश्रम साधक परिवारा ll
जय-जय-जय आनंद के स्वामी l
बारम्बार नमामी नमामी ll