ACCOMPANISTS: TABLA: SHRI PRASHANT PANDAV
HARMONIUM: SHRI ABHINAV RAVANDE
TANPURA SANGAT: SHRI KANAHAIYA BHONSLE AND SHRI VINAY KOHAD
Recording: Pancham Studio Pune
Lyrics:
राग बसंत- विलंबित तीनताल
अस्थायी-भंवरा रे फूली बन बेलरीया अब तोहे सुध है के नाही रे...||
अंतरा- माटी की घागर सर धर लीनी लोग कहे पनिहारी रे , कंथ बिना कोऊ बात न पुछे ,
ये गत भयी हमारी रे...||
मध्यलय -तीनताल
अस्थायी- फगवा ब्रिज देखन को चलो री
फगवे मे मिलेंगे कुंवर कान्ह , जहाँ बात चलत बोले कंगवा ||
अंतरा- आयी बहार सकल बन फूली
रसिले लाल को ले अंगवा ||
दृत एकताल -
तोरी ऐंडी गैली गैली
डोले सब नारी, गरवा लागे रंग बरसा
ऋतू बसंत माती
जोबन माती चाल तोरी ||
अंतरा -
सोले हो सिंगार करे अबरन
पहरे पहेरे पहेरे पहेरे माला
अबीर गुलाल लिये भर झोरी||