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SHRI JAYANT KAIJKAR SINGING RAGAS: BASANT, BAHAR AND BASANT BAHAR CURATED BY MIHIR THAKORE

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ACCOMPANISTS: TABLA: SHRI PRASHANT PANDAV HARMONIUM: SHRI ABHINAV RAVANDE TANPURA SANGAT: SHRI KANAHAIYA BHONSLE AND SHRI VINAY KOHAD Recording: Pancham Studio Pune Lyrics: राग बसंत- विलंबित तीनताल अस्थायी-भंवरा रे फूली बन बेलरीया अब तोहे सुध है के नाही रे...|| अंतरा- माटी की घागर सर धर लीनी लोग कहे पनिहारी रे , कंथ बिना कोऊ बात न पुछे , ये गत भयी हमारी रे...|| मध्यलय -तीनताल अस्थायी- फगवा ब्रिज देखन को चलो री फगवे मे मिलेंगे कुंवर कान्ह , जहाँ बात चलत बोले कंगवा || अंतरा- आयी बहार सकल बन फूली रसिले लाल को ले अंगवा || दृत एकताल - तोरी ऐंडी गैली गैली डोले सब नारी, गरवा लागे रंग बरसा ऋतू बसंत माती जोबन माती चाल तोरी || अंतरा - सोले हो सिंगार करे अबरन पहरे पहेरे पहेरे पहेरे माला अबीर गुलाल लिये भर झोरी||

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