भगवान शिव, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं. इन्हें देवों के देव महादेव भी कहा जाता है. शिव को जगत का संहारक देवता माना जाता है. वे सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति, और संहार के अधिपति हैं. शिव को कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार. तंत्र साधना में इन्हें भैरव के नाम से भी जाना जाता है.
भगवान शिव से जुड़ी कुछ और बातें:
शिव को ब्रह्मांड का पिता माना जाता है.
शिव को आदिम ब्रह्मांडीय नर्तक के रूप में देखा जाता है.
शिव को अजर-अमर माना जाता है.
शिव को परम शक्ति माना जाता है.
शिव सभी को समान दृष्टि से देखते हैं.
शिव के कई अवतार हैं, जैसे कि महाकाल, तारा, भुवनेश, षोडश, भैरव, छिन्नमस्तक गिरिजा, धूम्रवान, बगलामुख, मातंग, कमल.
शिव की दो पत्नियां मानी जाती हैं, देवी सती और माता पार्वती.
शिव का जन्म विष्णु के माथे के तेज से हुआ था.
शिव से जुड़ी
हिंदू धर्म का पावन और शिवजी का प्रिय माह सावन चल रहा है. सावन महीना शिव जी की पूजा-व्रत के लिए समर्पित है. इस माह शिवालयों और शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है.
सावन माह को लेकर ऐसी मान्यता है कि, इस महीने भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ पृथ्वलोक पर वास करते हैं. शिव परिवार में हम शिवजी की पत्नी माता पार्वती,पुत्र कार्तिकेय व गणेश और पुत्री अशोक सुंदरी को ही जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, देवों के देव महादेव के माता-पिता कौन थे.
भगवान शिव के कई रूप हैं. धर्म ग्रंथों के मुताबिक, भगवान शिव के 19 अवतार हुए थे. शिव के कुछ प्रमुख रूप ये रहे:
शर्व, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान, महादेव, कपाली, पिंगल.
भगवान शिव के कुछ प्रमुख अवतार ये रहे: वीरभद्र अवतार, पिप्पलाद अवतार, नंदी अवतार, शरभावतार, गृहपति अवतार.
भगवान शिव के कुछ अन्य नाम ये रहे:
नीलकंठ, महाकाल, शंकर, महेश्वर, भोलेनाथ, बैद्यनाथ, भैरव.
धर्मशास्त्रों में हरि के 24 अवतारों का वर्णन है, उसी प्रकार 'हर' के 19 अवतारों का उल्लेख है. यहां आज हम आपको शिव महापुराण में बताए गए शिव जी के कुछ अंश अवतारों का उल्लेख करेंगे. शिवजी ने कई रुद्रावतार लिए, जिनमें 11वें रुद्र अवतार महावीर हनुमान माने गए हैं. शिवजी का पहला स्वरूप 'महाकाल' को माना गया है
इन पाँच मुखों के नाम हैं: सद्योजात, वामदेव, अघोर, तत्पुरुष, और ईशान।