श्री वशिष्ठेश्वर मंदिर उत्तराखण्ड मैं चमोली के पास लंगासू गांव में स्थित है। चूंकि यह गांव अलकनंदा नदी के निकट है
मंदिर में मुख्य देवता भगवान स्वयंभुत्तेश्वर (शिव) हैं, दूसरी ओर मां चंडिका का मंदिर स्तिथ है कहा जाता है कि यह स्वयं भू है । इसलिए, देवता को भगवान वशिष्ठेश्वर के नाम से जाना जाता है।
कहा जाता है कि यह बहुत पुराना मंदिर है ! मंदिर को ग्रिफ द्वारा बनाया गया था जब उत्तराखंड मैं road 🛣️ ka कार्य लगा हुआ था तब स्वयं महादेव गिर्फ अधिकारी के सपने मैं आए थे तब उस अधिकारी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था मंदिर मैं जो लिंग है उसकी गहराई कोई माप नहीं पाया है और यह लिंग स्वयंभू भी कहा जाता है और मंदिर के पिछले और एक गदेरा भी बहता है जो की काली मठ मंदिर की और से निकलता है । कई अन्य मंदिरों के विपरीत, यहाँ पूरा मंदिर पत्थरों का उपयोग करके बनाया गया है। न केवल मुख्य देवताओं के लिए, बल्कि अन्य सभी सन्निधियों का निर्माण भी पत्थरों का उपयोग करके किया गया है, फर्श, खंभे, दीवारें और छत से लेकर