नीला प्रसाद की कहानी-थैंक्यू और सॉरी!
Story by Neela Prasad
Audio Story
हिन्दी कहानी
#स्वर-सीमासिंह
@HindiSahityaSeemaSingh
नीला प्रसाद लेखिका हैं, जो हिन्दी में कहानियां और कविताएं लिखती हैं।
राँची में 10 दिसंबर 1961 को जन्म। राँची युनिवर्सिटी से फ़िज़िक्स ऑनर्स के साथ बी.एससी. के बाद ज़ेवियर इंस्टिट्यूट से पर्सनेल मैनेजमेंट और इंडस्ट्रियल रिलेशन में पी.जी. डिप्लोमा।
कोल इण्डिया लिमिटेड, कोलकाता से जेनरल मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त।
नोएडा में निवास।
प्रकाशित कृतियाँ:
चार कहानी संग्रह ‘सातवीं औरत का घर’, ‘चालीस साल की कुँवारी लड़की’, ‘ईश्वर चुप है’, ‘मात और मात’ तथा एक उपन्यास ‘अंत से शुरू’
सह-संपादित: ‘कृति और स्मृतिः दिनेश्वर प्रसाद’
प्रकाशनाधीन स्वीकृत पांडुलिपियाँ:
पाँचवाँ कहानी संग्रह, चयनित कहानियाँ
संपादित: फ़ादर कामिल बुल्के के पारिवारिक पत्रों का हिंदी अनुवाद
दो वैचारिक लेख अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के स्त्री विषयक पाठ्यक्रम में।
कई कहानियाँ विषय-विशेष से संबंधित संकलनों में चयनित-प्रकाशित तथा शोध में सम्मिलित।
पहले कहानी संग्रह पर आगरा विश्वविद्यालय से डिसर्टेशन थीसिस।
कुछ कहानियाँ अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित।
विभिन्न ऑनलाइन साइट्स तथा बुक्स इन वॉइस पर कहानियाँ।
कथाक्रम में प्रकाशित कहानी ‘एक विधवा और एक चाँद’ के लिए कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार 2014
कहानी संग्रह ‘सातवीं औरत का घर’ के लिए 2011 का विजय वर्मा कथा सम्मान।
प्रबंधन सम्बन्धी लेख ‘मैनेजमेंट ऑफ परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट’ के लिए 1993 का एन.आई.पी.एम. नेशनल यंग मैनेजर्स अवॉर्ड।