पहाड़ की ज्यादातर खबरें
प्रदेश की राजधानी या देश की राजधानी तक पहुंचते-पहुंचते अपना दम तोड़ देती है। इसलिए हमने ठाना है कि हम उन्हीं खबरों को मंच देंगे जो राज्य स्तर पर या राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह नहीं बना पाती। दायरा भले कम हो, संसाधन भले कम हो, लेकिन हमारा मकसद साफ और स्पष्ट है "पहाड़ की आवाज: बनना, तो आइए हम सब मिलकर करें पहाड़ की बात "पहाड़-प्राइम" के साथ।