💕 💕 रामायण की सिद्ध दिव्य चौपाईयां 💕💕
बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥ सठ सुधरहिं सत्संगति पाई। पारस परस कुघात सुहाई॥
अर्थ : सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और राम जी की कृपा के बिना वह सत्संग नहीं मिलता, सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है।
दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुंदर सोना बन जाता है।
तो आइये रामायण की इन सुन्दर चौपाईयों को सुनकर ये मानुष जीवन सफल बनाये | जय श्री राम | जय वाल्मीकि | जय सीता माता
जा पर कृपा राम की होई। ता पर कृपा करहिं सब कोई॥ जिनके कपट, दम्भ नहिं माया। तिनके ह्रदय बसहु रघुराया
अर्थ : जिन पर राम की कृपा होती है, उन्हें कोई सांसारिक दुःख छू तक नहीं सकता। परमात्मा जिस पर कृपा करते है उस पर तो
सभी की कृपा अपने आप होने लगती है । और जिनके अंदर कपट, दम्भ (पाखंड) और माया नहीं होती, अर्थात उन्हीं पर प्रभु की कृपा होती है
सत्य सनातन धर्म की जय ✔✔✌