हम वहां के निवासी हैं जिसे देवभूमि कहते हैं और जहां पहाड़ की गोद में इंसान बसा हुआ है!पहाड़ की पीड़ा,समस्याएं, व यहाँ की हर हक़ीक़त से आपको अवगत करायेंगे !पहाड़ की संस्कृति ,स्वास्थ्य, शिक्षा ,रोजगार, पलायन, पर ही आधारित बाते हमेसा होती रहेगी! आखिर कैसे होते होंगे बल पहाड़ी जो अपना दर्द घुट घुट कर पीते हैं व बेहद सरल स्वभाव ही इनका नेचर हैं!संदीप बर्त्वाल