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Sarvodaya Ahimsa

Sarvodaya Ahimsa

*आइए! अष्टपाहुड के चारित्रपाहुड पर आगमाधार से डॉ. राकेश जैन शास्त्री, नागपुर के व्याख्यान प्रातः 9.00 बजे से सुनते हैं ―*

youtube.com/@sarvodayahinsa

*चारित्रपाहुड के अनुसार आचार्य कुन्दकुन्द भगवान की दृष्टि में चारित्र का प्रारंभ चौथे गुणस्थान से ही हो जाता है*

*सम्यक्त्वाचरणचारित्र भी चारित्र का एक भेद है, अतः चतुर्थ गुणस्थान में भले ही संयम नहीं है तो भी चारित्र तो है ही अर्थात् संयम और चारित्र में अंतर है। संयम अलग और चारित्र अलग, पर्यायवाची नहीं।*

*सम्यक्त्वाचरणचारित्र और संयमाचरणचारित्र - दोनों में से प्रथम सम्यक्त्वाचरणचारित्र को शुद्ध करें।*

*यदि आप इस विषय में आगमाधार से डॉ. राकेश जैन शास्त्री, नागपुर के व्याख्यान सुनना चाहते हैं तो प्रातः 9:00 से सर्वोदय अहिंसा के यूट्यूब चैनल पर सुन सकते हैं ―*

youtube.com/@sarvodayahinsa