प्रिय आत्मन, प्रणाम।
पिछले 12 वर्षों से ध्यान और साधना के पश्चात जो अनुभव मैंने किया है, वही यहाँ आप सबके साथ साझा कर रहा हूँ। मुझे उम्मीद है कि आप इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। मैंने कोई शास्त्र, पुस्तक, या किसी पंडित या गुरु से पढ़कर, रटकर, या सीखकर ये बातें नहीं कही हैं। मैंने केवल अपने अनुभव के आधार पर यह सब कहा है। मैंने जो भी कहा है, वह मेरा अपना अनुभव है, और यह आपके जीवन से मेल न भी खा सकता है। मेरी बातों को मानना आवश्यक नहीं है, लेकिन एक बार उस पर विचार अवश्य करें। यदि आपको लगे कि यह आपके जीवन में भी लाभदायक हो सकता है, तो इसे अपनाकर देखिए।
धन्यवाद।