चारों तरफ उठते शोरों में जब आवाज़ दबने लगे'' सियासत के ज़ोर में जब ख़बर छुपने लगे" तो आवाज़ नहीं ज़रूरत है नऐ आगाज़ की "
हम जानते हैं कि न्याय और स्वतंत्रता में किसी भी तरह का समझौता मुमकिन नहीं।लेकिन जिस तरह से मेन स्ट्रीम मीडिया ने इन चीजों को छोड़ कर झूठ को अपनी टीआरपी का जरिया बनाया है उससे साबित हुआ है कि हमें पत्रकारिता के नये माध्यमों से सच तलाशना होगा।
TV 14 Bharat इसी तलाश का ठिकाना है। जहाँ आपको सच से रूबरू कराया जायेगा
हम उन खबरों को सामने लाना चाहते हैं जिन पर बात करने से आवाज़े गुंग और कलम कपकपाते हैं। तो देर किस बात की आप हमारे इस चैनल को Like , Subscribe करें और शेयर ज़रूर करें ताकि सच सब तक पहुँच सके।
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सच हर कदम पर
ये साबित करता है कि पत्रकारिता के नए माध्यमों से हक़ तलाशना हमारा फ़र्ज़ है।