ज्योतिष कभी भाग्यवादी नहीं बल्कि कर्मवादी बनाता है। जो वेद चरैवेति चरैवेति चरैवेति अर्थात् सदैव चलते रहने का संदेश देते हों उसी वेदों का ज्योतिष शास्त्र वेदांग अर्थात् अंग है, यह शास्त्र भला भाग्यवादी कैसे बना सकता है ? दरअसल ज्योतिष जीवन में आने वाली शुभ अशुभ घटनाओं पूर्वानुमान कर आपको अशुभ घटनाओं से बचने का मार्ग बताता है और शुभ कार्यों को बेहतरीन तरीके से करने के लिए आपको मार्ग प्रशस्त करता है।
साथियों हमारे इस यूट्यूब चैनल को आरंभ करने का मात्र यही लक्ष्य है की आप ज्योतिष के नाम पर समाज में चल रही भ्रांतियों से बचाना है जो ज्योतिष को भाग्यावादी बताकर समाज को शोषित कर रहे हैं।- आचार्य पण्डित विनोद चौबे, संपादक- 'ज्योतिष का सूर्य' राष्ट्रीय मासिक पत्रिका, भिलाई