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Rimahi Lok Swar

Rimahi Lok Swar

आज के आधुनिकीकरण में हमारी संस्कृति एवं संस्कार कहीं खोते/विलुप्त होते जा रहे है। हमारा दायित्‍व है कि जो सुसंस्कार हमें विरासत में मिले है उन्हें हम अपनी अगली पीढ़ी एवं समाज को यथावत सौंपे। इन संस्कारों एवं लोक संस्कृति को रचने एवं संवारने में हमारे ऋषि-मनीषियों का बड़ा शोध रहा है एवं इनके वैज्ञानिक महत्व भी है।

दादी-नानी के समय से गाये जाने वाले संस्‍कार गीत एवं विरासत में मिले संस्‍कार हमारे लिए उपहार एवं धरोहर है। संस्‍कार गीत जैसे सोहर, मुंडन, बरूआ, दादर, चढ़ाव, बन्‍ना, बन्‍नी, बिआह, सोहाग, अजुंरी, गारी, कजरी, फगुआ को सुनने का अपना एक अलग आनन्‍द ही है। इन गीतों में कई पीढि़यों के संस्‍कार, उत्‍साह, परम्‍परा, अपनापन एवं संस्‍कृति समाहित होती है।

अपनी संस्‍कृति एवं संस्‍कारों के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के उद्देश्‍य से Rimahi Lok Swar चैनल शुरू किया गया है।