' मानव केन्द्र'
परम संत कृपालसिंह जी महाराज द्वारा ' मानव केन्द्र' की स्थापना हिमालय की गोद,
देहरादून में सन् 1969 में की गई। ‘ मानव केन्द्र ' जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है, मानव के
नैतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए स्थापित की गई संस्था है। इसका
उद्देश्य मानव का निर्माण, दीन-दुखियों, वयोवृद्ध जनों, निराश्रितों-पीड़ितों की सहायता
करना व कृषि कार्य द्वारा भूमि को उपजाऊ बनाना जिससे इस धरती पर रहने वाले करोड़ों
लोगों के पोषण की व्यवस्था की जा सके।
‘ मानव केन्द्र' का मुख्य कार्य है मानव को सही अर्थों में मानव बनाना, उसे जन्म,
संस्कार वर्ग, समाज के तंग दायरों और धर्मान्धता के बंधनों से मुक्त कर विवेकपूर्ण आध्यात्मिक जीवन के पथ पर अग्रसर करना है तथा एकता के उस रिश्ते का मजबूत रखना है जो मानव में जन्म-जात है, जिसको वह भूल गया है। उसे अनुभव कराना है कि
हम एक परमात्मा की संतान होने के नाते से भाई-भाई हैं। इसलिए एक परिवार के
सदस्यों की तरह हम आपस में प्रेम प्यार से रहें क्योंकि मानव का दर्जा सब प्राणियों में
सबसे ऊँचा है।