Pramila Bhagwan's Favored Sanjeev Sajeev (PBFSS)
न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते
दूसरे शब्दों में कहें तो_
सभी ज्ञान हैं गुदड़ी ब्रह्मज्ञान एक ज्ञान
जैसे गोला तोप का साफ करे मैदान!
साधकों!
"साधक/ जिज्ञासु के लिए "सत्संग श्रृंखला के माध्यम से श्री संजीव सजीव भैय्या जी जिन्होंने अपनी युवावस्था में ही जब आयु 15-16 वर्ष की रही होगी अपने ब्रह्म ज्ञानी गुरु दिव्य प्रमिला भगवान से ज्ञान प्राप्त करके आत्म- बोधित्व हुए और उसी युवावस्था में ही अपने गुरु के मार्गदर्शन और प्रेरणा से सत्संग करना आरंभ कर दिया ।
साधकों !
वैसे तो ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करने का अधिकारी कोई विरला ही होता है परन्तु गुरु की कृपा हो जाए तो ज्ञान प्राप्त करने के अधिकारी बनने का प्रयास तो किया जा सकता है, और यदि समर्पण अर्जुन और राजा जनक की तरह हो तो ब्रह्मपद भी प्राप्त हो सकता है। साधकों इस चैनल के माध्यम से सतगुरु का ज्ञानस्वरूप आशीर्वाद जो सजीव भैय्या जी को प्राप्त हुआ है उससे आप सब भी लाभान्वित हों बस इतना ही प्रयास है!
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