जब अंतर्मन हो तीर्थ, तब हर यात्रा है तीर्थयात्रा.
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ॐ दर्शन अर्थात स्वयं का दर्शन। ॐ से मुलाकात अर्थात परमात्मा से मुलाकात। ॐ का नाद अर्थात अनहद नाद।
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यह चैनल मेरी रचनात्मकता और यायावरी का मंच है। कला, साहित्य, जीवन दर्शन, अध्ययन, भ्रमण का जितना थोड़ा सा हिस्सा मेरे पास है, आपसे साझा करने की ललक है।
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मां नर्मदा की प्रदक्षिणा एक अभूतपूर्व अनुभव है नदी के ज़रिए इस देश की संस्कृति को समझने का। मंदिरों के माध्यम से देश की आत्मा को पढ़ने का। लोक विश्वास के सहारे इतिहास को जानने का।
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हिमालय पदयात्रा एक और प्रयास है स्वयं को खोजने, अपने और परमात्मा के बीच रिश्ते प्रगाढ़ करने तथा निसर्ग के वेद का स्वयं एक सर्ग बन जाने का।
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आइए स्वरूप दर्शन करते हैं। जिन लोगों ने अपने को जाना है, उनके बारे में जानते है। उस राह को तलाशते हैं, जो अनंत की ओर जाता है, लेकिन जिसका एक सिरा अपने पास है।
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अगर आप इस महादेश की सनातन परंपरा में रुचि रखते हैं, तो इस चैनल पर आपका अभिनंदन है।
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सर्वे भवंतु सुखिनः...
ई–पता
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