नितिन दास का यह सत्संग Youtube ने क्यो हटाया । (146) नही कबीर नही धर्मदासा । गुप्त वाणी । Lockdown
कहत कबीर सुनो रे सन्तो ।
नितिन साहेब का यह सत्संग Youtube Channel ने डिलीट कर दिया । इसमे बहुत गहरे भेद छिपे है ।
नहीं कबीर नहीं धर्मदासा । अक्षर एक सकल घट वासा ॥ सत्य पुरुष वाही सों कहिये । आदि अन्त अक्षर गह रहिये । अक्षर मूल और सब डारा । शाख रमनी पत्र पसारा ॥ कथा जोकहि कहि ज्ञान सुनावा । यही भांति संसार बुझावा ॥ जिन बूझा तिन धोखा माना । सकलबात मिथ्याकर जाना ॥
साखी - कहे कबीर यह मनहि है , मतका सकल पसार । चिन्द यह मन कहँ बुझिया , आवागमन निवार ॥