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सरना भजन करते हुए छत्तीसगढ़ के उरांव समाज 🙏🙏🙏🙏🔥🔥🔥🔥

Surendra Oraon 696 lượt xem 7 months ago
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आदिवासी उरांव समाज की कला और संस्कृति विविध और समृद्ध है। उरांव समाज मुख्य रूप से झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, और पश्चिम बंगाल में बसा हुआ है। उनकी संस्कृति में संगीत, नृत्य, और चित्रकला का महत्वपूर्ण स्थान है।कला और संस्कृति की विशेषताएँ:नृत्य और संगीत:उरांव समाज के पारंपरिक नृत्यों में करमा, सरहुल, और जतरा नृत्य प्रमुख हैं। ये नृत्य आमतौर पर त्यौहारों और विशेष अवसरों पर किए जाते हैं।पारंपरिक वाद्य यंत्रों में नगाड़ा, मांदर, और बांसुरी शामिल हैं।लोककथाएँ और कहानियाँ:उरांव समाज में लोककथाएँ और कहानियाँ पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती हैं, जो उनकी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखती हैं।चित्रकला:उरांव समाज की चित्रकला में प्रकृति और रोजमर्रा के जीवन की झलक मिलती है। दीवारों पर चित्रकारी और अलंकरण प्रमुख हैं।भाषा:उरांव समाज की प्रमुख भाषा कुड़ुख है, जो द्रविड़ भाषा परिवार से संबंधित है।धार्मिक मान्यताएँ:उरांव समाज में प्रकृति पूजा का विशेष महत्व है। वे सूर्य, चंद्रमा, नदी, और पेड़ों को पूजते हैं और प्रकृति के तत्वों को देवता मानते हैं।

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