भीमा कोरेगाँव मामले में रोना विल्सन और सुधीर धावले को साढ़े छह साल बाद बेल मिली है। साढ़े छह साल तक बिना किसी ट्रायल के दोनों को जेल में बंद रखा गया। अभी भी इस मामले में अन्य लोग जेल में हैं। इतने सालों से बेल के लिए लड़ रहे रोना विल्सन और सुधीर धावले की बेल याचिका का आख़िर में NIA ने विरोध नहीं किया। क्या कोई भी एजेन्सी या कोर्ट उनका यह समय वापिस ला सकता है? क्या यह हमारे समाज और न्याय प्रक्रिया के लिए शर्मसार होने वाली बात नहीं है? इसी तरह प्रो जीएन साईबाबा को दस साल तक जेल में रखा गया। जेल से आने के बाद उनके कमज़ोर हो चुके शरीर ने उनका साथ छोड़ दिया। स्टैन स्वामी जेल में ही गुज़र गए। रोना विल्सन के कम्प्यूटर में फ़र्ज़ी सबूत प्लांट करने के आरोप लगे हैं। भीमा कोरेगाँव मामले में आरोपी बनाए गए अन्य लोगों ने भी यह आरोप लगाए हैं कि उनके कम्प्यूटर में सबूत प्लांट किए गए। अगर आपके लिए यह सब चिंता की बात नहीं है तो फिर क्या है।
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